छतरपुर जिले के ईसानगर ब्लॉक के पिपौरा खुर्द गांव में 12वीं तक स्कूल न होने की वजह पढ़ाई के लिए छात्रों को दूसरे गांव में जाना पड़ता है। लड़के तो दूसरे गांव चले जाते हैं पर लड़कियां नहीं जा पातीं। गांव में सिर्फ आठवीं तक ही स्कूल है। ऐसे में कई माता-पिता उनकी नज़र में लड़कियों की सुरक्षा को देखते हुए उन्हें आगे की शिक्षा के लिए दूसरे गाँव नहीं जाने देते। माता-पिता का यही कहना है कि अगर गांव में ही 10वीं-12वीं तक स्कूल हो जाए तो उनकी बच्चियां यहीं पढ़ाई पूरी कर लेंगी।
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लड़कियों ने कहा कि लड़कों को पढ़ाई के लिए दूसरे गांव भेज दिया जाता है लेकिन लड़कियों को नहीं भेजा जाता। ज़माना खराब है कहकर लड़कियों को घर बैठने के लिए कह दिया जाता है। इस लेकर कई बार शिकायत भी की गयी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
विद्यालय के अध्यापक लखन लाल ने खबर लहरिया को बताया कि उन्होंने भी काफी बार 12वीं तक स्कूल करने के लिए आवेदन किया है। जल्द ही गांव में 12वीं तक स्कूल हो जाएगा।
मामले को लेकर शिक्षा अधिकारी संतोष कुमार ने ऑफ बताया कि अगर समय से बजट मिल जाता है तो स्कूल में रूम बनवा दिया जाएगा।
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