वार्ड नंबर 15 की निवासी शोभा अहिरवार का कहना है कि पार्षद हो तो रीना नफीस खान जैसे। वह हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने कभी यह नहीं देखा कि हम किस जाति से हैं। बस हमारी तकलीफों को समझा और समस्या का समाधान किया।
रिपोर्ट – अलीमा, लेखन – कुमकुम
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के वार्ड नंबर 15 के रीना नफीस खान पार्षद जोकि एक पुरुष है। रीना नाम अधिकतर आपने महिलाओं के सुने होंगे लेकिन यहां ऐसा नहीं है। वे हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते हैं। नफीस खान लोगों से ऐसे जुड़े रहते हैं जैसे वे उनके अपने परिवार के सदस्य हों। वार्ड में नाली,पानी या कोई भी समस्या हो, वे उसे ध्यान से सुनते हैं और जल्दी से हल करने की कोशिश करते हैं। दिन हो या रात, वे हर समय जनता के बीच रहकर उनकी सेवा करते है।
छतरपुर जिले के वार्ड नंबर 15 की निवासी 53 वर्षीय शाहजहां बेगम का कहना है कि हमारे यहां पहले के पार्षद तो कभी दिखे ही नहीं लेकिन जब से की पार्षद रीना नफीस खान आये हैं तब से हालात काफी बेहतर हो गए हैं। पानी की समस्या हो या नाली की वह हर बात का ध्यान रखते है।
समस्या का निपटारा करते है जल्दी
शाहजहां बेगम कहती हैं “मेरी उम्र हो गई है पानी भरने में बहुत परेशानी होती है। जब मैंने रीना जी से अपनी समस्या बताई तो उन्होंने पहले तो मोहल्ले में हैंडपंप और समरसेबल लगवाया। जब वह खराब हो गया तो टैंकर मंगवाकर पानी भरने लगीं। वह सभी की ऐसे मदद करते हैं जैसे हम उनके अपने परिवार के सदस्य हों।”
पार्षद ने नहीं किया कभी जातिगत भेदभाव
वार्ड नंबर 15 की निवासी शोभा अहिरवार का कहना है कि पार्षद हो तो रीना नफीस खान जैसे। वह हमेशा हमारी मदद के लिए तैयार रहते हैं। उन्होंने कभी यह नहीं देखा कि हम किस जाति से हैं। बस हमारी तकलीफों को समझा और समस्या का समाधान किया।
पानी की समस्या को किया दूर
शोभा अहिरवार ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या बहुत ज्यादा थी। हम लोग एक एक डिब्बा पानी के लिए ऊपर तक चढ़ाई करके ले जाते थे। जब हमने पार्षद से शिकायत की तो उन्होंने तुरंत नगर पालिका से टैंकर मंगवाया और खुद ही हम लोगों को पानी भर-भरकर देने लगे। जो लोग ऊपर तक पानी नहीं ले जा पाते थे उनके घर तक पानी पहुंचाया। पार्षद का यह व्यवहार हमें बहुत अच्छा लगता है। वह सिर्फ पार्षद नहीं हमारे परिवार जैसे है।
घर में कोई न था तब भी पार्षद ने पानी पहुंचाया
वार्ड नंबर 15 की रहने वाली सफीना बानो ने बताया कि मैं यहां की बहू हूं और हमारे समुदाय में पर्दे का बहुत पालन होता है। मेरे शौहर मजदूरी करने बाहर जाते हैं और घर में सिर्फ मेरी 80 साल की सास रहती हैं जो चल-फिर नहीं सकतीं।
जब किसी ने पार्षद रीना नफीस खान को यह बताया कि सफीना के घर में पानी भरने वाला कोई नहीं है। उन्होंने बच्चों से मेरे घर से बर्तन मंगवाया और खुद पानी भरकर हमारे घर तक पहुंचाया। रात में भी अगर कोई परेशानी होती है तो वे मदद के लिए आ जाते हैं। पहले जो पार्षद थे उनका तो चेहरा भी नहीं देखा लेकिन रीना खान घर-घर जाकर लोगों की बातें सुनती हैं और तुरंत समाधान करते हैं।
“जनता की सेवा मेरा मकसद” – रीना नफीस खान पार्षद
जब इस बारे खबर लहरिया की रिपोर्टर ने पार्षद रीना नफीस खान से बात की तो उन्होंने बताया कि जनता का काम करना मुझे अच्छा लगता है। पहले मैं पोस्ट ऑफिस में काम करता था और मेरी खुद की ऑटो पार्ट्स की दुकान भी थी लेकिन उसमें मन नहीं लग रहा था। मैंने महसूस किया कि हमारे वार्ड में बहुत सी समस्याएं हैं और कोई उनका हल नहीं कर रहे हैं। मैंने खुद अनुभव किया था कि एक छोटा सा काम करवाने के लिए पार्षद के चक्कर लगाने पड़ते थे। तब मैंने तय किया कि मैं खुद चुनाव लड़ूंगा और अगर जनता ने साथ दिया तो मैं पूरी ईमानदारी से उनकी सेवा करूंगा। चुनाव लड़ा और जनता ने मुझे जिताया तो अब उनकी समस्या का समाधान करना मेरा कर्तव्य है।
पानी सबकी जरूरत है। हमारे वार्ड में कुछ घर बहुत ऊंचाई पर बने हैं। वहां पानी पहुंचाना मुश्किल होता है। इसीलिए मैं खुद जाकर टैंकर से पानी भर देता हूं। मेरा मकसद सिर्फ इतना है कि जनता की हर परेशानी में मैं उनके साथ खड़ा रहूं। मैं पार्षद बाद में हूं पहले एक इंसान हूं। सेवा के लिए कोई धर्म या जाति मायने नहीं रखता।
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