खबर लहरिया Blog “स्टॉप रेपिंग अस”, यूक्रेन में हो रहे बलात्कार के खिलाफ महिला ने अर्धनग्न होकर किया प्रोटेस्ट

“स्टॉप रेपिंग अस”, यूक्रेन में हो रहे बलात्कार के खिलाफ महिला ने अर्धनग्न होकर किया प्रोटेस्ट

International News : कान्स फेस्टिवल 2022 के दौरान अचानक से एक महिला अपने शरीर पर पहने काले कपड़े को उतार फेंकती है और घुटने के बल गिर मीडिया और फोटोग्राफर्स के सामने चीख़-चीखकर कहने लगती है “stop raping us”, ‘हमारा रेप करना बंद करो।’

credit – Ghanamma.com

“stop raping us”, ‘हमारा रेप करना बंद करो’, कान्स फेस्टिवल 2022 के दौराम शुक्रवार को यूक्रेन की एक महिला अचानक से अपने शरीर पर लिखे इन शब्दों के साथ सामने आ जाती है।

यूक्रेन की यह महिला कान्स फेस्टिवल के दौरान अचानक से अपने शरीर पर पहने काले कपड़े को उतार फेंकती है और घुटने के बल गिर मीडिया और फोटोग्राफर्स के सामने चीख़-चीखकर कहने लगती है “stop raping us”, ‘हमारा रेप करना बंद करो।’ आखिर वह महिलायें कितनी पीड़ा में होंगी कि इस महिला को अर्धनग्न होकर दुनिया का ध्यान अपनी तरफ इस प्रकार खींचना पड़ा?

यूक्रेन में युद्ध के नाम पर रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं के साथ बलात्कार करना ‘रेप कल्चर’ का एक बहुत बड़ा उदाहरण है। रूस और यूक्रेन के युद्ध के बीच रूसी सैनिकों द्वारा आये दिन यूक्रेन की महिलाओं के साथ यौन हिंसा की जा रही है। यह हाल सिर्फ रूस का नहीं बल्कि सभी देशों का है। लड़ाई हथियारों से ज़्यादा अमूमन महिलाओं के शरीर के ज़रिये जीतने की कोशिश की जाती है। क्या युद्ध में शामिल इन लोगों ने महिलाओं को इतना कमज़ोर समझा हुआ है?

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अर्धनग्न होकर महिला ने “बलात्कार” के मुद्दे पर खींचा ध्यान

Credit – Fox News

महिला ने अपने नग्न ब्रेस्ट पर यूक्रेन के झंडे के रंग में अंग्रेजी में “stop raping us” लिख रखा था। शरीर पर सिर्फ अंडरगारमेंट्स और उसके आस-पास बिखरा लाल रंग नज़र आ रहा था। वो सिर्फ रंग नहीं था बल्कि उन महिलाओं का खून था जिनके साथ युद्ध के दौरान ज़बरन बलात्कार किया गया है, किया जा रहा है। बलात्कार करने वाले आम नागरिक नहीं बल्कि रूसी देश के सैनिक हैं जिन्हें देश का रक्षक माना जाता है। दो देशों की इस लड़ाई में इनके लिए यूक्रेनी महिलाओं के साथ ज़बरन बलात्कार करना ही दूसरे देश पर विजय पाना है।

इसके बाद वहां मौजूद गार्ड्स ने माहिला को पकड़ उसे कोर्ट उड़ा दिया लेकिन तब तक महिला ने जिस काम के लिए इतना बड़ा कदम उठाया था, वह कुछ हद तक पूरा हो गया। दुनिया को वह यह कह पाने में कामयाब रही कि किस तरह से यूक्रेन में रूसी सैनिकों द्वारा महिलाओं के साथ आये दिन बलात्कार किया जा रहा है लेकिन इस कृत्य को रोकने और इसके लिए आवाज़ उठाने वाला कोई नहीं है।

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युद्ध में महिलाओं के साथ बलात्कार सामान्य

यूक्रेनी महिला का यह वीडियो काफ़ी वायरल हुआ। किसी ने इसे स्टंट का नाम दिया तो किसी ने संवेदना के रूप में इसे देखा। लेकिन सबसे बड़ी बात जो यहां महसूस हुई वह थी, महिला का पूरे विश्व के सामने अर्धनग्न आकर प्रोटेस्ट करना और अपनी बात पहुंचाना।

महिला का अर्धनग्न आना सबको खटका लेकिन कुछ लोग यह समझ पाने में नाकमयाब रहें कि महिलाएं किस बर्बरता से गुज़र रही हैं। यूक्रेन में कई महीनों से रूस के साथ वॉर यानी लड़ाई चल रही है। हर युद्ध में एक बात जो सामान्य रहती है, वह है ‘महिलाओं और लड़कियों के साथ बलात्कार करना।’ युद्ध किसी भी देश का हो, मुद्दा कुछ भी हो, बदले के तौर पर सिर्फ महिलाओं के शरीर को चुना जाता है।

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वह मेरे साथ डेढ़ घंटे तक बलात्कार करता रहा – यूक्रेन महिला

credit – Sky News

स्काय न्यूज़ की 16 मई की रिपोर्ट में, 42 साल की विका रुसी सैनिकों द्वारा उसके और अन्य महिलाओं के साथ हुए बलात्कार के मुद्दे को सामने रखती है। 19 साल के सैनिक डैनियल ने उसके साथ रेप किया।

विका ने बताया, ‘ मुझे यह कहते हुए अच्छा नहीं लग रहा पर उसने मेरे साथ किसी औरत या माँ की तरह नहीं बल्कि एक वैश्या की तरह व्यव्हार किया। मुझे नहीं पता वह इतने गुस्से में क्यों था। शायद उसने ड्रग्स ली हुई थी। भगवान का शुक्र है कि उसने मुझे मारा नहीं और मैं छुप पाने में कामयाब रही।’ विका ने कहा, उसके साथ कई बार रेप किया गया।

उसी समय एक अन्य ओलेग नाम के सैनिक ने एक और महिला नताशा के साथ रेप किया। स्काय न्यूज़ से फोन पर बताते हुए नताशा ने कहा, ओलेग नाम के सैनिक ने उससे कहा कि अगर उसने कुछ भी किया या करा तो वह उसके बेटे को मार देगा।

” उस समय मैंने सिर्फ अपने बेटे के बारे में सोचा कि वह उसे नहीं मरेगा।”

नताशा ने कहा, “मैं उस समय ज़िंदा लाश की तरह थी।” उसने मेरे साथ डेढ़ घंटे तक बलात्कार किया। वह टूट चुकी थी। सैनिक ने उसके पति को भी मार दिया था। उस अँधेरे कमरे में वह रात भर जागी रही।

नताशा और वीका ने कहा, वह चाहती हैं कि दोनों बलात्कारियों को सज़ा मिले।

युद्ध कोई भी हो, उसमें महिलाओं को ही निशाना बनाया जाता है। हर देश द्वारा महिलाओं की सुरक्षा, उन्हें आगे लाने के दावे किये जाते हैं और जब युद्ध आता है तो उनके लिए दूसरे देश की महिलायें बलात्कार और गुस्सा निकालने के ज़रिये से ज़्यादा कुछ नहीं रह जाती। आज भी महिलायें किसी भी देश के लिए किसी वास्तु, वासना और हथियार से ज़्यादा कुछ नहीं है, जो की एक शर्मनाक बात है।

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