ऑटो चालन उमेश ने बताया, ये आचार संहिता के नियम भी सरकार को अब याद आते हैं। ट्रैफिक पुलिस वाले कहते हैं ज्यादा सवारी नहीं बैठानी जिसकी वजह से हमें सवारी से अधिक किराया लेना पड़ता है।
रिपोर्ट – सुमन यादव
आचार संहिता लगने से बिहार के पटना शहर में ऑटो चालकों और लोगों पर इसका असर पड़ रहा है। खबर लहरिया की रिपोर्टर ने उनसे बातचीत की जहां उन्होंने बताया कि आचार संहिता लगने से यातायात के नियम सख्त कर दिए गए हैं और पुलिस प्रशासन भी सख्ती बरतने लगी है। आचार संहिता के नियम भी जैसे वर्ग आधारित हो अधिकतर जिनके पास पैसे नहीं है उन्हीं पर ये नियम लागू होते हैं।
आचार संहिता लगने से ऑटो चालक पर असर
ये आचार संहिता के नियम भी सरकार को अब याद आते हैं। ट्रैफिक पुलिस वाले कहते हैं ज्यादा सवारी नहीं बैठानी जिसकी वजह से हमें सवारी से अधिक किराया लेना पड़ता है।
उमेश ऑटो चालक पटना में 9 साल से ऑटो चलाते हैं। वह पटना जंक्शन से फुलवारी, दानापुर तक ऑटो चलाते हैं। वे बताते हैं कि “अब हम लोग दानापुर से फुलवारी तक का 30 रुपए और फुलवारी से पटना जंक्शन तक का 30 रुपए लोगों से लेते हैं। जिसे लेकर लोगों से कई बार अब कहां सनी भी हो जाती है और सवारी मिलने की भी दिक्कतें रहती हैं। पहले 4 से 6 चक्कर लगाते थे तो अच्छी कमाई हो जाती थी। अब उतनी ही अच्छी इनकम के लिए हमको 8 से 9 चक्कर लगाने पड़ते हैं इसीलिए हम लोगों ने पैसे बढ़ा दिए ताकि हमें 8 से 9 चक्कर ना लगा करके 4 से 6 चक्कर में ही हम उतने पैसे कमा लें।”
चुनाव के समय याद आते हैं सारे नियम
नरेश ऑटो ड्राइवर कहते हैं कि, “चुनाव के समय पर ही उन्हें अपने नियम याद आते हैं और चुनाव खत्म होने के बाद सब कुछ सामान्य हो जाएगा। फिर ना तो कोई ट्रैफिक पुलिस हमको चेक करेगा, ना ही सवाल जवाब पूछेगा और ना ही कुछ होगा। फिर चाहे कितने भी एक्सीडेंट हो कितने भी लोग मरे। कुछ भी हो कोई ध्यान नहीं देता लेकिन अभी चुनाव है हैडलाइन में नहीं आना चाहिए कि एक्सीडेंट हो रहे हैं, लूटपाट हो रही है। इस चक्कर में यह लोग हम लोगों के ऊपर सबसे ज्यादा सख्ती करते हैं।
ऑटो किराया बढ़ने से स्कूल/कॉलेज जाने में हो रही परेशानी
फुलवारी ब्लॉक के गांव ‘फतेहपुर’ की रहने वाली खुशी कुमारी बीए कर रही हैं। वह पढ़ने के लिए पटना कॉलेज जाती है। आचार संहिता लगने से किराया बढ़ गया है जहां पहले 40 रुपए लगते थे अब 55 रुपए लगते हैं।
खुशी कहती हैं, “घर वाले बोलते हैं कि कॉलेज रोज जाने की जरूरत नहीं हफ्ते में 3-4 दिन जाया करो। घर वाले ऑटो के लिए कहां से पैसे दे पाएंगे क्योंकि घर में भी खेती किसा
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