खबर लहरिया Blog BIhar Fast Track Courts: बिहार में बनेंगे 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट, जानिए पूरी जानकारी 

BIhar Fast Track Courts: बिहार में बनेंगे 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट, जानिए पूरी जानकारी 

बिहार में 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जायेंगे जिसका उद्देश्य है हत्या, लूट, डकैती, भ्र्ष्टाचार के मामले को ख़तम करना। DGP ने कहा पीड़ितों को मिलेगा न्याय।  

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सांकेतिक तस्वीर ( फोटो साभार: सोशल मीडिया)

दरअसल बिहार से एक खबर सामने आया है कि प्रदेश में 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट का निर्माण कराया जायेगा। इस संबंध में बिहार पुलिस मुख्यालय ने योजना तैयार कर ली है और जल्द ही गृह विभाग के माध्यम से राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा जायेगा। बिहार सरकार और पुलिस प्रशासन ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और त्वरित न्याय सुनिश्चित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। जिसके तहत राज्य में लगभग 100 नये फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए जाएंगे जिनमें हत्या, लूट, डकैती आदि एक्ट जैसे गंभीर मामलों की सुनवाई प्राथमिकता के आधार पर की जाएगी। 

क्या है फास्ट ट्रैक कोर्ट?

सबसे पहले ये जानते हैं कि फास्ट ट्रैक कोर्ट है क्या? दरअसल फास्ट ट्रैक कोर्ट (Fast Track Court) एक विशेष अदालतें हैं जो मामलों के त्वरित निपटान के लिए बनाई गई हैं। ये अदालतें विशेष रूप से यौन अपराधों से संबंधित मामलों जैसे बलात्कार और पॉक्सो अधिनियम के तहत अपराधों की सुनवाई में तेजी लाने के लिए स्थापित की गई है। वर्तमान में फास्ट ट्रैक कोर्ट में  हत्या, लूट, डकैती जैसे अपराधों पर भी त्वरित कार्यवाही की जाती है। बिहार में फास्ट ट्रैक कोर्ट इन दोनों तरह के अपराधों पर जल्द कार्यवाही करने के लिए बनाई जा रही है। 

मई 2024 तक देश में 410 पॉक्सो कोर्ट और 755 फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट हैं। इनमें 2.53 लाख से ज्यादा केस निपटे हैं। फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाने का फैसला राज्य सरकार लेती है। हाईकोर्ट से चर्चा के बाद कोर्ट खुलते हैं।

 हाईकोर्ट तय करता है कि केस कब तक निपटाना है। सभी पक्षों को सुनने के बाद फास्ट ट्रैक कोर्ट तय समय में फैसला होता है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां भी किसी विशेष केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में भेज सकती हैं।

डीजीपी विनय कुमार ने क्या कहा 

बिहार पुलिस महानिदेशक (DGP) डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि पहले गंभीर मामलों का ट्रायल लंबा चलता था, जिससे पीड़ित परिवारों को न्याय मिलने में देरी होती थी, लेकिन अब फास्ट ट्रैक कोर्ट के माध्यम से हत्या, लूट, डकैती और आर्म्स एक्ट जैसे मामलों का तेजी से निपटारा किया जाएगा। इससे न केवल अपराधियों को सजा मिलेगी, बल्कि निर्दोष लोगों का भी न्याय प्रणाली पर भरोसा बढ़ेगा। 

उन्होंने आगे कहा कि राज्य में कुल 1249 थाने हैं। इन थानों में ऐसे पेशेवर अपराधियों की संपत्ति जब्त करने के लिए कुल 1172 अपराधियों को चिन्हित किया गया है। चिन्हित अपराधियों में से 239 अपराधियों के विरुद्ध अनुमंडल पुलिस पदाधिकारियों को प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं और उनकी संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। इनमें 188 अपराधियों के विरुद्ध न्यायालयों में प्रस्ताव समर्पित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि नए कानून में अपराधियों की संपत्ति से पीड़ित परिवारों को भी आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने का प्रावधान है। 

भ्रष्ट पुलिस कर्मियों की बेधड़क करें शिकायत

प्रभात खबर के अनुसार पता लगा कि डीजीपी ने कहा कि भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को किसी भी कीमत पर बक्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि निगरानी ब्यूरो द्वारा इस वर्ष जनवरी से 12 जून के बीच कुल एक दर्जन पुलिस पदाधिकारियों पुलिस पदाधिकारियों को रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया जा चुका है। 

राज्य के विभिन्न जिलों माना इस वर्ष जनवरी से मई माह के बीच कुल 22 पुलिस कर्मियों के विरुद्ध मामला दर्ज किया गया है। इनमें कुल 15 पुलिस कर्मियों को गिरफ्तार कर कोर्ट को अग्रसारित कर दिया गया है. साथ ही कुल 66 पुलिस कर्मियों के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। 

डीजीपी ने कहा कि थानों से भ्रष्टाचार की शिकायतें अक्सर मिलती हैं और अगर कोई पुलिसकर्मी मदद के नाम पर रिश्वत मांगता है, तो लोग बिना डरे निगरानी विभाग, SVU, EOU या सीधे पुलिस मुख्यालय में शिकायत करें।

न्याय में देरी होने से पलटते हैं गवाह

दैनिक भास्कर के अनुसार बिहार की कोर्ट में करीब 17.90 लाख केस ट्रायल के लिए लंबित हैं। बिहार में 1870 कोर्ट हैं। इनमें 1195 मजिस्ट्रियल कोर्ट है और 675 सेशन कोर्ट है। सबसे अधिक पटना और दूसरे नंबर पर गया जिले की कोर्ट में केस लंबित हैं। केस का ट्रायल नहीं होने से लंबित मामलों की संख्या बढ़ती है। इसका असर यह होता है कि गवाह पलटते हैं। साक्ष्य भी नष्ट होते हैं। कई बार गवाह को धमकाया जाता है।

अपराधियों के खिलाफ संपत्ति जब्त की कार्यवाही शुरू

 डीजीपी विनय कुमार ने बताया कि राज्य के 1249 थानों में से 1172 पेशेवर अपराधियों को चिन्हित किया गया है. इनमें से 239 अपराधियों के खिलाफ संपत्ति जब्ती की कार्रवाई शुरू हो चुकी है, जबकि 188 मामलों में न्यायालय को प्रस्ताव भेज दिया गया है। 

पीड़ितों को मिलेगा मुआवजा 

डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि अब अपराधी अपनी अवैध संपत्ति का इस्तेमाल कानूनी लड़ाई लड़ने में नहीं कर पाएंगे। साथ ही जब्त की गई संपत्ति से दुखी परिवारों को मुआवजा भी दिया जाएगा। 

बिहार में 14 साल बाद 100 फास्ट ट्रैक कोर्ट खुलेंगे 

राज्य में 2011 के आसपास करीब 178 फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाए गए थे जिसके माध्यम से बड़ी संख्या में सजा सुनाई गई थी मगर बाद में यह मामला ठंडा पड़ गया। वर्तमान में पाक्सो, शराबबंदी, एससी-एसटी आदि मामलों के लिए अलग से विशेष कोर्ट हैं और अब और भी फास्ट ट्रैक कोर्ट बनाये जायेंगे। 

 

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