पटना के मिलर हाई स्कूल मैदान में आज कानू समाज संघ ने अपनी ताक़त दिखाते हुए एक विशाल रैली की। बिहार के अलग‑अलग ज़िलों से पहुँचे हज़ारों पुरुष‑महिलाएँ और युवा‑युवतियों ने साफ़ कहा— हम 31 लाख की आबादी हैं, फिर भी सत्ता गलियारों में हमारी कोई आवाज़ नहीं सुनाई देती। रैली के मंच से वक्ताओं ने तीन मुख्य माँगें रखीं: राजनीतिक हिस्सेदारी — कम से कम 9 विधानसभा सीटों पर टिकट और नेतृत्व का हक़। आरक्षण और कानूनी सुरक्षा — कानू समाज को दलित श्रेणी में शामिल कर आरक्षण का लाभ। शिक्षा‑रोज़गार में बराबर भागीदारी — सरकारी नौकरियों और कल्याण योजनाओं तक सीधी पहुँच। नेताओं को दो टूक चेतावनी दी गई: यदि इस बार भी टिकट न मिला, तो कानू समाज निर्दलीय उम्मीदवार उतार कर अपनी ताक़त दिखाएगा— और जो अभी समर्थन देगा, पूरा वोट‑बैंक उसी के साथ जाएगा। यह रैली सिर्फ़ शक्ति प्रदर्शन नहीं, बल्कि हाशिए पर खड़े समुदाय की हक़‑और‑हिस्सेदारी की हुंकार है।
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