खबर लहरिया Blog अयोध्या: बढ़ती बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं ने की बैठक

अयोध्या: बढ़ती बेरोजगारी से त्रस्त युवाओं ने की बैठक

बेरोजगारी, शिक्षा व्यवस्था और बढ़ती मंहगाई पर युवाओं ने बैठक की। जिसमें युवाओं ने अपने विचार व्यक्त किये और जिन्दगी में शिक्षा के मायने पर सीख ली।

जिला अयोध्या। बढ़ती बेरोजगारी के खिलाफ जाना बाजार में भारत की जनवादी नौजवान सभा की तरफ से 8 अगस्त को शिक्षा व्यवस्था, बेरोजगार और बढ़ती मंहगाई पर युवा संवाद रखा गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में युवा वर्ग मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शेर बहादुर शेर जाना बाजार ने किया।

बेरोजगारों के ख्वाब पर छाया अँधेरा

युवा संवाद के मुख्य अतिथि राधेश्याम वर्मा ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा शिक्षा सभी लोगों के जीवन में बहुत जरूरी है। बिना शिक्षा के इंसान का जीवन अधूरा होता है। शिक्षा के द्वारा ही हम अपने जीवन के अधिकार के बारे में पता करते हैं। और बेरोजगारी हमारे देश में एक बहुत बड़ी समस्या है जिसको लेकर सभी वर्ग के युवा बहुत ही चिंतित हैं। आज युवाओं को डिग्रियां हासिल करके भी नौकरी नहीं मिल रही है तो कहीं ना कहीं इसमें सरकार के अलावा युवाओं को भी सोचना चाहिए। युवा को ही अपने हक की लड़ाई लड़ना है तो युवाओं को आगे आकर अपने हक के लिए लड़ना पड़ेगा।

जाति व्यवस्था और भेदभाव है बेरोजगारी का कारण- राधेश्याम वर्मा

राधेश्याम वर्मा ने कहा कि बेरोजगारी दो कारणों से आती है जाति व्यवस्था और लड़के लड़की में भेदभाव। लड़की का काम है घर संभालना इसलिए लड़का चाहे जितना नकारा निकम्मा हो कहीं काम ना पा रहा हो तो भी वह चूल्हा चौका नहीं करेगा। घर नहीं संभालेगा, बच्चे नहीं पालेगा। और लड़की चाहे कहीं भी ठीक-ठाक नौकरी कर रही हो तो भी शादी के बाद या तो उसका काम छुड़वा दिया जाएगा या उसे खाना बनाते घर संभालते सास ससुर की सेवा करते बच्चों की देखभाल करते हुए नौकरी करनी होती है। शादी के बाद नौकरी का सवाल तो और भी कम उठता है। इसी तरह जाति व्यवस्था भी लोगों को उनके तय काम में बांधकर रखता है, विशेषकर दलित बस्तियों में। जिस व्यक्ति की जो जाति है उसे वही काम करना चाहिए जैसे वह नाई है तो मुंडन का ही काम करें। इस तरह के मानसिकता को दूर करना होगा और हमें सोचना होगा की बेरोजगारी को हम कैसे दूर करें।

कुमकुम तिवारी का कहना है देश में युवाओं का कितना अहम रोल है फिर भी युवा दर-दर की ठोकरें खा रहा है। खुशबू का कहना है कि युवा संवाद में उन्होंने अपने सवालों को रखा इससे उन्हें जानकारी मिली कि शिक्षा के बिना जीवन कैसा होता है। हमारी लाइफ में शिक्षा का कितना इंपॉर्टेंट है। बैठक में शामिल अन्य युवाओं ने भी अपने विचार व्यक्त किये।

ये भी पढ़िये :

रोज़गार के लिए आखिर तब तक भटकेगा देश का मज़दूर?

 

(हैलो दोस्तों! हमारे  Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)