खबर लहरिया जिला अयोध्या: यह कैसा विश्व रिकॉर्ड जहाँ बुझे दीप का तेल बटोर रहे लोग, द कविता शो

अयोध्या: यह कैसा विश्व रिकॉर्ड जहाँ बुझे दीप का तेल बटोर रहे लोग, द कविता शो

नमस्कार दोस्तों, द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत है । राम की नगरी अयोध्या में दीपावली के दिन जहां पर इतनी बड़ी संख्या में दिए जलाए गए हैं वहीं पर धन की बर्बादी करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ी गई । दिया तो जले बहुत ही सुंदर लगा घाट अयोध्या का। जगमगाते हुए दिए देख कर ऐसे लग रहा था मानों हम किसी अलग दुनिया में हैं इतना खूबसूरत नजारा था ऐसे लग रहा था कि हम दुनिया के किसी ऐसे खूबसूरत कोने में हैं ।

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लेकिन दोस्तों वहीं पर जब दिवाली के दूसरे दिन का जो नजारा घाट में दिखा वो सीन दिल को रूला रहा था । वो रूलाने वाला नजारा था बर्बादी ,धन की ,पैसों की । अयोध्या की सरजू नदी के किनारे इतना तेल गिरा था का कि आप दूर से ही तेल को पानी की तरह देख सकते थे । आसपास के ग्रामीणों और गरीबों को जब पता चला तो उनके चेहरे खिल उठे । लोगों ने कहा चलो तेल भर कर लाते हैं। कुछ दिन तक अच्छे से सब्जी बन जाएगी। और लोगों ने गैलन ,डिब्बा बाल्टी लेकर आयें और जमीन में पड़े तेल को कांछ कांछ भर भर कर घर ले आए । तब लोगों के चेहरे में खुशी दिखी ।

इतना तेल क्यों बर्बाद किया गया । अगर यही तेल गरीबों में बांट दिया जाता तो कितना अच्छा होता। दियों का जला जमीन का गिरा दूषित तेल लोग जमीन से लेकर गये । वो तेल लोगों के स्वास्थ्य में बुरा असर भी डालेगा। अगर ये तेल पहले से गरीबों में बाटा जाता तो उनके घर में भी दिए जलते और लोगे के घरों में अच्छा खाना भी बन जाता ।
इतनी बर्बादी हुई ही क्यों। जहां पर महंगाई अपनी चरम सीमा पार कर गई है और वो भी सबसे बुरा असर तेलों के दाम पर हुआ है वहीं पर वही सरकार जिसने महंगाई बढ़ाई है और तेल की बर्बादी कर रही है ये तो गरीबों के घावों में नमक छीडकने के बराबर है।

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सरकार दिखा रही है कि इस मंहगाई से उनको फर्क नही पड़ता है। अरे साहब हमारे यहां लोगों के पास रोजगार नहीं है । मजदूरी नहीं है । मनरेगा का काम आपने बंद कर रखा है । लेकिन आप महंगाई बढ़ाते जा रहे हैं जो तेल पिछले साल 100 रूपये किलो था वो आज 200रूपये किलो मिल रहा है । गैस पहले 800रूपये की एक सिलेंडर थी वो अब 1000 रूपये की है । इसी तरह से दाल सब्जियां और बाकी रोज़मर्रा की चीजों के दाम बढ़ गए हैं । लेकिन गरीबों के पांच पैसे नहीं हैं ।कहां से खरीदें । और आप है दिया जलवा के विश्व रिकार्ड बना रहें हैं । इससे गरीबों का पेट नहीं भरेगा । रोजगार नहीं मिलेगा । महंगाई कम नहीं होगी साहब। अगर विश्व रिकार्ड अगर बनानी ही है तो लोगों का पेट भर कर बनाइये। रोजगार देकर बनाईये। जो लोगों को सुकून दे।

तो दोस्तों ये एपीसोड की चर्चा आपको कैसी लगी आप अपने सुझाव और राय मुझे जरूर से भेजें । अगले एपीसोड में मैं फिर मिलूंगी कुछ करारी बातों के के लिए दीजिए इज़ाज़त नमस्कार।

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