जिला अयोध्या के निवासी कवि, साहित्यकार रामानंद सागर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। आज उनकी संस्था में कई ऐसे युवा कवि हैं जो उनसे कविता और गीत रचनाएं सीखते हैं। रामानंद सागर का कहना है कि उन्होंने बचपन से ही कविता गाना और लिखना शुरू किया था, लेकिन कविता करने के लिए उन्हें बहुत कुछ त्यागना पड़ा। शुरुआत में उन्हें हास्य कविता में रुचि थी, लेकिन धीरे-धीरे उन्हें गीतों में भी रुचि आने लगी और रचनाएं भी आ गई।
ये भी देखें – “डॉ. ताराचंद ‘तन्हा’ – हास्य और व्यंग्य कवि | राष्ट्रीय कवि | ब्रांड एम्बेसडर”
रामानंद सागर किसी प्रसिद्ध व्यक्ति की तरह नहीं हैं, लेकिन उनकी संस्था के ज़रिये उन्होंने बहुत से लोगों को आत्मनिर्भर बनाया है। उनके अधिकारियों ने भी उन्हें सपोर्ट किया है और उनकी कविताएं भी बहुत प्रसिद्ध हुईं हैं। रामानंद सागर का अनुभव इस क्षेत्र में 30 वर्षों से अधिक का है, और वे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके हैं।
रामानंद सागर ने अपनी संस्था की स्थापना की है, जिसमें वे लोगों को कविताएं और गीत सिखाते हैं। उनके द्वारा निःशुल्क वर्कशॉप भी किया जाता है, जिसमें लोग सिखते हैं। यह कोविड के समय से शुरू किया गया था। ऑनलाइन माध्यम से उन्होंने लोगों को सिखाना शुरू किया है।
ये भी देखें – अयोध्या : समाज को आइना दिखाती अवधी भाषा की कविताएं
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’