शनिवार 24 मई 2025 को दोपहर में हरदुआगंज पुलिस सीमा के अंतर्गत अलहदादपुर गांव में हुई, जब व्यापारी नदीम, अकील, अरबाज और कदीम – को रोरावर में एक लाइसेंस प्राप्त फैक्ट्री से कथित तौर पर मांस ले जा रहे थे जिन्हें भीड़ ने रोका।
लेखन – सुचित्रा
उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में 4 लोगों को बेरहमी से पीटने का मामला सामने आया है। यह घटना शनिवार 24 मई 2025 की है। ग्रामीण और अखिल भारतीय हिंदू सेना समेत दक्षिणपंथी संगठनों के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि वे मिनी ट्रक में गाय का मांस ले जा रहे थे। उन्होंने विरोध में दिल्ली को कानपुर से जोड़ने वाली सड़क को जाम किया, साथ ही वाहन में आग लगा दी थी। इस मामले में अब तक 38 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है और 3 लोग को गिरफ्तार किया गया है। आगे की कार्रवाई के लिए मांस को प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेज दिया गया है और पुलिस रिपोर्ट का इंतजार कर रही है।
लोगों के अंदर से मानवता अब धीरे-धीरे दम तोड़ती नज़र आ रही है जिसकी झलक सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिखाई देती है। जो लोग गौ रक्षा के नाम पर किसी को भी पीटने का अधिकार समझते हैं और कानून की परवाह न करते हुए बस अपने भीतर का आक्रोश निकाल देना चाहते हैं, चाहे इसका परिणाम कुछ भी हो उन्हें इससे कोई मतलब नहीं। अलीगढ़ से आई खबर में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में भीड़ द्वारा कपड़े उतरवा कर पीटा जाना और शरीर पूरा खून से लथपथ होना लोगों के दिलों में एक डर पैदा करता है।
हालाँकि इस मामले में मौके पर पुलिस ने पहुंच कर घायलों को बचाया और वाहन में लगी आग को भी बुझा दिया गया। अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमृत जैन ने ग्रामीणों को मामले में कार्रवाई का आश्वासन दिया।
पूरा मामला क्या है?
टाइम्स ऑफ़ इन्डिया की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार 24 मई 2025 को दोपहर में हरदुआगंज पुलिस सीमा के अंतर्गत अलहदादपुर गांव में हुई, जब व्यापारी नदीम, अकील, अरबाज और कदीम – को रोरावर में एक लाइसेंस प्राप्त फैक्ट्री से कथित तौर पर मांस ले जा रहे थे जिन्हें भीड़ ने रोका। भीड़ ने कथित तौर पर वाहन को पलट दिया, मांस को सड़क पर बिखेर दिया और चारों लोगों को बेल्ट और डंडों से पीटा।
घायलों के नाम
कदीम – उम्र 35 साल
नदीम – उम्र 32 साल
अकील – उम्र 43 साल
अरबाज – उम्र 38 साल
कथित गौ मांस ले जाने पर घायल व्यक्ति का बयान
यूपी टॉक के एक वीडियो में घायल व्यक्ति ने कहा वे लोग मीट ले जा रहे थे गौ मांस नहीं था चाहे तो चेक करा लो। घायल व्यक्ति को कहते हुए सुना जा सकता है कि सुने वैध कागज दिखाए इसके बावजूद उन्हें पीटा गया।
अलीगढ़ में अकील, अरबाज, कदीम और अकील को गौमांश के शक में भीड़ ने मारा. पुलिस ने फिलहाल, 14 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली. वहीं, हिंदुवादी संगठन इस मामले में सीधे प्रशासन को चुनौती दे रहे हैं. #Aligarh #AligarhMobLynching #UPPolice pic.twitter.com/lTZanCahoM
— UP Tak (@UPTakOfficial) May 25, 2025
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना का आरोप
जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद मदनी ने अलीगढ़ में हुई इस हिंसा पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय (मुस्लिम) के चार मांस व्यापारियों पर भीड़ द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की। इस घटना को “बर्बर और राष्ट्र की अंतरात्मा पर धब्बा” बताया।
मौलाना मदनी ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई लोगों में न्याय और कानून व्यवस्था के प्रति विश्वास को खत्म कर रही है और सांप्रदायिक सद्भाव को बाधित कर रही है। ऐसी सोच कि किसी विशेष धर्म से जुड़े व्यक्ति ही गौ मांस ले जाते है इसका अनुमान लगा लेना वो भी संदेह के तौर पर हिंसा को उचित नहीं ठहरा सकता।
वैध दस्तावेज होने के बावजूद की मारपीट
टाइम्स ऑफ़ इण्डिया की रिपोर्ट के मुताबिक जिन 4 लोगों को बेहरमी से पीटा गया उनके पास वैध दस्तावेज थे, जो साबित करते थे कि ऐसा नहीं है, फिर भी उन्हें नंगा करके बेरहमी से पीटा गया।
38 लोगों पर एफआईर और 3 लोग गिरफ्तार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट बताती है कि इस मामले में चार लोगों पर हमला करने और उनके वाहन में आग लगाने के आरोप में कल रविवार 25 मई 2025 को तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही हरदुआगंज थाने में 38 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसमें 13 नामजद (जिनके नाम पता है) और 25 अज्ञात (जिनके नाम नहीं पता) हैं। यह एफआईआर अकील (जिसे भीड़ ने पीटा था) के पिता सलीम खान की शिकायत पर दर्ज की गई।
घायलों पर भी एफआईर दर्ज
अलीगढ़ के पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अमृत जैन ने बताया कि मांस के नमूने मथुरा स्थित पशु चिकित्सा प्रयोगशाला में भेजे गए हैं। स्थानीय ग्रामीणों की शिकायत के आधार पर चार संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।
भीड़ बन रही भक्षक
क्या इस तरह भीड़ का भक्षक बन जाना किसी समुदाय के अंदर डर को पैदा करना है? क्या सच में गायों के प्रति खुद को गौ रक्षक कहे जाने वालों के अंदर इतनी सवेदनाएँ वास्तव में हैं? अगर ऐसा है तो जो गाय सड़कों में मौत का शिकार होती है और सड़कों पर कूड़ा कचरा खाती है, क्या उन गायों के प्रति गौ रक्षकों की कोई जिम्मेदारी नहीं?
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते हैतो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’