खबर लहरिया Blog आखिर कब ख़त्म होगा कोरोना का कहर? 24 घंटे में 17,407 नए मामले आये हैं सामने

आखिर कब ख़त्म होगा कोरोना का कहर? 24 घंटे में 17,407 नए मामले आये हैं सामने

4 मार्च 2021 को भारत में कोरोना के मामलों में एक बड़ा उछाल देखा गया।  गुरूवार को देश भर में कोरोना के 17,407 नए मामले सामने आये हैं। इन ताजा मामलों के साथ, देश में कोरोना के केसेस की गिनती अब 1,11,39,516 तक पहुंच गई है।

17,407 new cases have come up in 24 hours

बीते साल कोरोना महामारी के कारण विश्व भर में करोड़ों की मौत होने के बाद, इस साल भी कोरोना का कहर वापस लौटता दिख रहा है। जहाँ मार्च के महीने में कोरोना वायरस को एक साल हो गया है, वहीँ इस महीने हमें हर दिन कोविड के केसेस में बढ़ोत्तरी की खबरें मिल रही हैं।

वापस से प्रतिदिन बढ़ रहा नए मामलों का स्तर-

बता दें कि महाराष्ट्र और केरेला के बाद अब पंजाब में भी हर रोज़ एक हज़ार से ऊपर केसेस रहे हैं। गुरूवार शाम को आयी ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ कल पंजाब में कुल 1,074 नए मामले सामने आये हैं। इसके साथ ही गुरूवार यानी 4 मार्च 2021 को भारत में कोरोना के मामलों में एक बड़ा उछाल देखा गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, गुरूवार को देश भर में कोरोना के 17,407 नए मामले सामने आये हैं। इन ताजा मामलों के साथ, देश में कोरोना के केसेस की गिनती अब 1,11,39,516 तक पहुंच गई है।

ध्यान देने वाली बात यह भी है कि पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के कारण होने वाली मौतों की संख्या 113 पहुँच गई है, जिससे देश में कोरोना से होने वाली मौतों का दर 1,57,435 पहुँच गया है। बुधवार को 98 मौतों को दर्ज किया गया था, जिसकी तुलना में मृत्यु दर में चढ़ाव  देखा गया है। कोरोना से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या अब 1,08,26,075 है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को बताया कि देश भर के 85.95% मामले महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक में पाए गए हैं। जिसको मद्देनज़र रखते हुए इन प्रदेशों के कुछ हिस्सों में रात्रि लॉकडाउन, सार्वजनिक स्थानों पर अनिवार्य सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियम वापस से लागू कर दिए गए हैं।

वैक्सीन अभियान का नहीं दिख रहा असर-

अगर हम कोरोना की वैक्सीन की बात करें तो 16 जनवरी से शुरू हुई इस टीकाकरण ड्राइव से भारत में अब तक 1,66,16,048 लोगों को कोविड-19 का टीका लग चुका है। टीकाकरण अभियान 16 जनवरी को शुरू हुआ था, जिसमें पहले केवल स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वैक्सीन के टीके लगाए गए थे। बाद में, फरवरी में, सरकार ने फ्रंटलाइन वर्कर्स के टीकाकरण की भी शुरुआत की।  साथ ही 1 मार्च को  शुरू हुए कोरोना के वैक्सीन अभियान में  45 से 60 वर्ष के लोगों को टीका लगने की शुरुआत की गई है।

सरकार को उठाने पड़ सकते हैं ठोस कदम-

अगर इसी हिसाब से प्रतिदिन कोरोना के मामलों में बढ़ोत्तरी होती रही, तो सरकार को वापस से ठोस लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। पिछले हफ्ते जहाँ दिल्ली सरकार ने कड़े कदम उठाते हुए दूसरे प्रदेशों से आ रहे यात्रियों के लिए कोरोना की निगेटिव रिपोर्ट दिखाना ज़रूरी कर दिया था, वहीँ महाराष्ट्र के भी कई ज़िले वापस से सम्पूर्ण लॉकडाउन में चले गए हैं। कोरोना की वैक्सीन आने के बाद ऐसा माना जा रहा था कि देश के लोगों को कोरोना महामारी से छुटकारा मिल जाएगा परन्तु वैक्सीन लगने के बाद भी कई ऐसे मामले सामने आये हैं जिनकी कोविड रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है।

गौर करने वाली बात यह है कि पिछले साल मीडिया और सरकार द्वारा कोरोना से सुरक्षा के लिए इतनी जागरूकता फैलाने के बाद भी लोग अहम नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं। सार्वजनिक स्थलों पर अभी भी लोगों को बिना मास्क के और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किए बिना घूमता देखा जा सकता है, और ऐसे हालात में सरकार और पुलिस ने भी सख्तियां बरतनी छोड़ दी हैं।

कोरोना के बढ़ते कहर को रोकने के लिए ज़रूरी कि हम भी अपना पूर्ण योगदान दें, बिना मास्क के घर से बाहर न निकलें, जितना हो सके सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें और सार्वजनिक स्थानों पर जानें से बचें। क्यूंकि अगर वापस से पिछले साल की तरह इसके मामले बढ़ने लग गए तो इस महामारी का दूसरा चरण हमारे लिए और भी खतरनाक और जानलेवा हो सकता है।

इस खबर को खबर लहरिया के लिए फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।