जिला अम्बेडकर नगर और फैजाबाद। पीला और गुलाबी – यही दो रंग शादियों के सीज़न में जगह-जगह दिखाई दे रहे हैं। इस समय उत्तर प्रदेश के कई जिलों में रंग-बिरंगे, तरह-तरह के डाल, दौउरा, बेना, झबिया बाज़ारों में छाए हुए हैं।
षादी के महीने में डाल ज़्यादा बनाते हैं। सालों से डाल बना रहे गुड्डू और कंचन ने बताया कि वे आज़मगढ़ जिले से कई साल पहले अम्बेडकर नगर आए थे। गांव-गांव से बांस खरीद कर लाते हैं। एक बांस डेढ़ सौ रुपए का मिलता हैं। उसे काटकर और बार बार छील कर दौउरा, डाल, झबिया बेना बनाकर बाज़ार में बेचते हैं। कंचन ने कहा कि मेहनत के हिसाब से ज़्यादा पैसा नहीं मिलता है पर यही उनकी रोज़ी-रोटी हैं।
डाल बनाते हुए इन लोगों को देखकर समझ आता है कि हाथ की यह कला, यह बारीकी से बांस को बार-बार छीलना कोई आसान काम नहीं है। जैसे गुड्डू ने भी बताया कि उन्होंने यह काम अपने पिता से सीखा था और कई सालों के अभ्यास का नतीजा हैं ये सुंदर डाल।
हाथ की ये कला, भरती खुशियों में रंग
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