खबर लहरिया बाँदा सेहतमंद माँ और बच्चे – न आयरन की गोली, न कार्ड

सेहतमंद माँ और बच्चे – न आयरन की गोली, न कार्ड

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गर्भवती महिला के साथ नरैनी ब्लाक की आशा कार्यकर्ता

ज़िला बांदा। ज़िले में दो साल से आयरन की गोली नहीं आ रही है। इसके अलावा बच्चों को टीका लगने के बाद बुखार आने पर दी जाने वाली पैरासिटामाल जैसी गोलियां भी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कुछ महीनों से नहीं हैं। गर्भवती महिलाओं के टीकाकरण और इस दौरान उनको दी जाने वाली गोलियां, बच्चा होने के बाद बच्चे के टीकाकरण एवं उसके स्वास्थ्य से जुड़े महत्वपूर्ण विवरण लिखने के लिए बनने वाला मदर चाइल्ड प्रोटेक्शन (सेहतमंद मां और बच्चा) कार्ड भी स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं मौजूद हैं।
ब्लाक तिंदवारी, गांव पपरेंदा की ए.एन.एम. श्यामा निगम में  गांव के छह आंगनवाड़ी केन्द्र और एक उपकेन्द्र देखने का काम करती हैं। उन्होंने बताया कि गर्भवती महिलाओं को दी जाने वाली आयरन की गोली दो साल से नहीं आईं हैं। अप्रैल 2013 में 20 कार्ड आए थे जबकि अप्रैल से अब तक लगभग 170 महिलाएं गर्भवती हो चुकी हैं। टिटेनस, हेपेटाइटिस (पीलिया होने पर लगाया जाने वाला) के टीके और पैरासिटामाल की गोली भी करीब एक महीने से नहीं आई हैं। तिंदवारी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के डॉक्टर नरेन्द्र विश्वकर्मा ने बताया कि डेढ़ साल से आयरन की गोली और एक महीने से टिटेनस का टीका नहीं मिला है। सी.एम.ओ. और स्वास्थ्य विभाग लखनऊ को लिखित जानकारी दी जा चुकी है।
ब्लाक नरैनी, गांव पौहार की आशा गुड़िया, अतर्रा ग्रामीण की आशा रेखा और तुर्रा गांव की ए.एन.एम. सुमन ने भी बताया कि उनको भी दो साल से आयरन और पैरासिटमाल की गोली नहीं मिली है।  सी.एम.ओ. कैप्टन डाक्टर आर.के. सिंह के अनुसार ऐसी कोई जानकारी अभी तक उनके पास नहीं है। पर अगर कुछ पता लगेगा तो जांच की जाएगी।