खबर लहरिया बाँदा वक्त की मारी जनता

वक्त की मारी जनता

images (3)जनता चक्की में पिसे मुश्किल हुआ निबाह।
कठिन अब हो गई लोकतन्त्र की राह।
लोकतन्त्र की राह बड़ी जिसकी कद काठी।
भैंस वही ले जाये हाथ में जिसकी लाठी।
नेताओं की मौज काम बस उनका बनता।
दो पाटों में पिसे वक्त की मारी जनता।