मुज़फ्फरनगर, उत्तर प्रदेश। दंगों से प्रभावित पश्चिम उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर में सरकार जैसे तैसे राहत कैंप खाली करवाने में जुटी है। कुछ परिवारों को मुआवज़ा दिया गया है और अब बहुत कम लोग कैंपों में रह रहे हैं।
जिले के लोई और शाहपुर कैंपों में जैसे ही लोगों को पांच लाख मुआवज़े की चैक दी गई, वैसे ही उनके टेंट उखड़वाने के आदेश दे दिए गए। दोनों ही कैंपों के लोग काफी परेशान हैं क्योंकि इन पैसों से उन्होंने ज़मीन अभी ही ली है और फिल्हाल उनके पास रहने के लिए कोई घर नहीं है। मुआवज़ा लेने वालों को सरकार ने साफ साफ कह दिया है कि वे अपने गांव नहीं लौट सकते हैं। मजबूरन, कुछ लोग आसपास के गांवों के लोगों के घरों में ही रह रहे हैं।
सितंबर में हुए इन साम्प्रदायिक दंगों में लगभग पचास हज़ार लोग बेघर हो गए थे। अब आगे कुछ स्थानीय और बाहरी संगठन ही इन लोगों की मदद कर रहे हैं।
मुज़फ्फरनगर पर नज़र – कैंप करवाए खाली
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