खबर लहरिया फैजाबाद मधुमक्खी पालन से होता है फायदा

मधुमक्खी पालन से होता है फायदा

02-01-14 Kshetriya - Madhumakkhi (web)जिला फैजाबाद, ब्लाक बीकापुर, गांव नन्दरौली। रजी साहब और अरषद साहब सन 1992 से मधुमक्खी पालन कर रहे हैं। उद्यान विभाग से आधी छूट पर डब्बा मिलता है और उससे षहद बनाने का काम कर रहे हैं। एक डब्बा से लगभग पचास किलो षहद उत्पन्न होता है और साठ प्रतिषत फायदा होता है।
इस डब्बे के अन्दर सबसे पहले फ्रेम में लकड़ी का छत्ता लगा कर मधुमक्खियों को बैठाया जाता है। इस डब्बे में तीन प्रकार की मक्खियां डाली जाती हैं। रानी मक्खी मुख्य होती है। अगर रानी मक्खी निकल जाती है तो एक भी मक्खी डब्बे में नहीं रहती उस के पीछे सभी निकल जाती हैं। यह मक्खियां तीन किलोमीटर दूर तक फूलों का रस लेने के लिए जाती हंै। फूल के रस से ही षहद बनता है। अलग अलग फूलों का रस लाकर बाक्स के छत्ते में जमा होता है। नवम्बर से मार्च तक इनका सीज़न होता है। एक बार लाने में लगभग पांच हज़ार एक डब्बे की लागत लगती है।
जिला उद्यान निरीक्षक चन्द्रप्रकाष ने बताया कि इसमें आम आदमी को श्रम करने की ज़रूरत नहीं है। बाक्स घर में ही रख कर मधुमक्खी पालन का काम आसानी से किया जा सकता है। मधुमक्खी अपने आप निकलकर आती जाती रहती हैं। मक्खियां तीन तरह की होती हैं नर, रानी, और कमेरी।