खबर लहरिया बाँदा बूंद-बूंद पानी खातिर तरसत

बूंद-बूंद पानी खातिर तरसत

Photo0637जिला बांदा, ब्लाक बबेरू, गांव मियां बरौली। हेंया जमादार बस्ती मा पांच साल से तीन हैण्डपम्प खराब हैं। हैण्डपम्प बनैं खातिर प्रधान अतर्रा तहसील दिवस मा कइयौ दरकी लिखित दिहिन है।गांव के संतू अउर राजबली कहिन-“हम जमादार जाति के आहिन। हमैं पानी भरैं खातिर एक किलोमीटर दूरी दूसर जाति के बस्ती मा जाय का परत है। बड़ी जाति के मड़ई जबैं तक नहा के हैण्डपम्प नहीं छोड़ देत तबै तक हम हैण्डपम्प नहीं छू सकत आहिन। कतौ-कतौ तौ दुई घण्टा तक एक बाल्टी पानी खातिर ठाड़ रहैं का परत है। चार-चार दिन तक बिना नहाये रहैं का परत है। पानी के दुख के खातिर हमार घर मा कउनौ मेहमान तक नहीं आवत आय।” हेमलता कहिस-“परसाल शादी कीन है तौ पानी का टैंकर मंगाये रहन। छुआछूत के मारे हम दुसरे के हैण्डपम्प भी नहीं जा पावत हन। हमार मोहल्ला मा मिठुवा नाम का कुंआ भी है, पै वहिमा भी किरवा बुलबुलात हैं। प्रधान से कइयौ दरकी कहे हन कि हैण्डपम्प बनवा दे अउर कुंआ के सफाई करवा दे तौ वा नहीं सुनिस।”
प्रधान कमल का कहब है कि मोर प्रधान बनैं के पहिले से ई हैण्डपम्प रिबोर लाइक हैं। मैं छह महीना पहिले लिखित दरखास जल निगम सोलहवीं साखा बांदा का दीने हौं।