खबर लहरिया चित्रकूट नहीं मिलत कउनौ लाभ

नहीं मिलत कउनौ लाभ

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नहीं बना राशन कार्ड

जिला चित्रकूट, ब्लाक कर्वी, गांव भंभई। हिंया के प्रेमिया, सविता अउर सुदामा का गरीबी रेखा का राशन कार्ड नहीं बना हवै। या कारन उंई लगभग दस बरस से परेशान हवै। राशन कार्ड बनावैं खातिर कइयौ दरकी प्रधान छोटी से कहा गा, पै वा नहीं सुनत आय। गांव के प्रेमिया, सविता अउर सुदामा कहिन। मजूरी भी रोज नहीं लागत हवै। जउन दिन मजूरी नहीं लागत तौ वा दिन भूखन रहैं का परत हवै। या कारन गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनावै खातिर कइयौ दरकी प्रधान छोटी से कहे हन, पै वा प्रधान तौ इनतान के हवै कि बातै नहीं सुनत आय।
प्रधान छोटी के मनसवा केशवदास का कहब हवै कि अबै राशन कार्ड नहीं बनत हवै। जबै सरकार कइती से राशन कार्ड बनिहैं तौ बनवा देहूं। प्रधान कसत कहत हवै कि राशन कार्ड नहीं बनत आहीं जबै कि जिला मा जून 2013 से राशन कार्ड बनत हवैं।
जिला चित्रकूट, ब्लाक मऊ, गांव सुरौंधा। हिंया के शकुन्तला का कउनौ सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलत आय। वहिका राशन कार्ड नहीं बना न कालोनी नहीं मिली आय। या कारन से वहिका बहुतै परेशानी हवै। यहिके खातिर कइयौ दरकी प्रधान से कहा गा, पै वा भरोसा बस देत हवै।
हिंया के शकुन्तला का कहब हवै कि मैं गरीब मेहरिया हौं। मेहनत मजूरी कइके आपन गुजर बसर करत हौं। अगर मोहिका राशन कार्ड बन जात तौ गल्ला मिलै लागत। हर मड़ई यहै सोचत हवै कि कउनौ भी सरकारी योजना का लाभ मिलै लागै तौ नींक होत ,पै वा भी नहीं मिलत आय।
प्रधान रामसजीवन का कहब हवै कि वहिकर बी.पी.एल. सूची मा नाम नहीं आय। यहै से वहिका कउनौतान के सरकारी लाभ नहीं मिलत आय, पै सोचै वाली बात हवै कि शकुन्तला गरीब हवै तौ वहिकर नाम अबै तक बी.पी.एल.सूची मा काहे नहीं आय ?