जिला सीतामढ़ी और शिवहर, बिहार। नक्सलवादी हिंसा, तस्करी, लखदेई नदी में गंदगी बिहार के सीतामढ़ी और शिवहर ज़िले की पहचान बन चुकी हैं। सालों से इन समस्याओं से जूझ रहे लोग चाहते हैं कि नई केंद्र सरकार सबसे पहले उन्हें इन समस्याओं से छुटकारा दिलाए।
सालों से दोनों जिले नक्सलवाद की समस्या से जूझ रहे हैं। खासतौर पर सीतामढ़ी का सोनबरसा और मेजरगंज प्रखण्ड प्रभावित है। शिवहर में लोग आए दिन बंदी से परेशान रहते हैं। नक्सली हिंसा की वजह से आए दिन जिलों में बंदी रहती है। टेम्पो चालक उमाशंकर ने बताया कि हमें महीने में चार सौ रुपए तो सड़क कर भरना पड़ता है। कई कई दिनों की बंदी से हम जैसे लोगों को खाने कमने की दिक्कत हो जाती है। सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण मानव तस्करी भी एक बड़ा मुद्दा है। सीतामढ़ी से शिवहर को जाने वाली लखनदेई नदी की सफाई का मुद्दा इन दोनों जिलों में सालों से चल रहा है। कई बार धरना प्रदर्शन भी हुए। इस नदी की सफाई करके अगर इसमें पानी भर दिया जाए तो दोनों जिलों के सिंचाई के मुद्दे का हल आसानी से निकल जाएगा।
मनरेगा की समस्या एक बड़ा मुद्दा है। लोगों को काम नहीं मिल रहा। मिल रहा तो मजदूरी नहीं। शिवहर जिले के कुशहर गांव के कृष्णा देवी, तपेश्वर माझी, रामपरी देवी ने बताया कि हम लोगों ने एक साल पहले मनरेगा में काम किया था। उसका भुगतान अभी तक नही हुआ। रेवासी के पुकारी देवी ने बताया कि हमारी तो चार साल पहले की मज़दूरी बाकी है।