खबर लहरिया चित्रकूट चित्रकूट मा बढ़त जात हवैं हिंसा के केस

चित्रकूट मा बढ़त जात हवैं हिंसा के केस

सरकार चाहे जेत्ता कहै कि हिंसा के घटना मा बहुतै रोक लाग हवै। काहे से पुलिस प्रशासन बहुतै काम करत हवै। पै या सोच सरकार के बिलकुल गलत हवै।
बुन्दलखंड जइसे क्षेत्र मा आय दिन हिंसा होत हवै कत्तौ मेहरियन बेटियन के साथै मार काट तौ कत्तौ बलात्कार जइसे मामला होत हवैं। हिंया तक कि छोट-छोट बिटियन के साथै बलात्कार कइ के उनका हत्या कइके बोरिन मा भर के फेक देत हवैं। पै पुलिस प्रशासन इनतान के मुददन का सुनत बस हवै करत कुछौ नहीं आय। का यहै सरकार के कानून व्यवस्था आय कि आय दिन मड़इन के साथै अत्याचार होत हवै अउर उनकर सुनवाई भी पुलिस नहीं करत आय। या कहां का नियम कानून आय।
चित्रकूट जिला के कर्वी कस्बा मा 14 जनवरी 2017 का 13 साल के बिटिया के साथै बलात्कार कइ के मार दिहिन अउर बोरी मा भर के फेंक दिहिन दुइ महीना होय के बादौ पुलिस प्रशासन या मामला मा कुछौ कदम नहीं उठाइस आय। यहिकर का कारन हवैं का वा बिटिया दलित अउर गरीब परिवार से रहै या से सुनवाई नहीं भे। या फिर पुलिस कुछ करै नहीं चाहत आय। बिटिया के महतारी बाप दर दर भटकत हवै पै आज तक आरोपी पकड़े नहीं गें आहीं। पुलिस के लगे जबै भी जाओ तौ उंई कहत हवै कि कत्तौ चुनाव हवै वहिके बाद केश का देखिहैं तौ कत्तौ बाहर मीटिंग मा अधिकारी हवैं। का एक काम खातिर दूसर काम बंद कइ दीन जात हवै अउर उंई भी इंतान के काम जेहिमा जान चली गे बलात्कार होइ गा अउर पुलिस कहत हवै बाद मा देखब। चुनाव भी खतम होईगे पै शिवदेवी केस के सुनवाई आज तक नही भे आये। वहिके महतारी बाप दर दर भटकत हवै। अब पुलिस के लगे कौन बहाना हवै। का उनकर सुनवाई कत्तो होइ या उई यहिनतान भटकत रहि है?