खबर लहरिया औरतें काम पर घर मा नहीं रहैं देत लड़का

घर मा नहीं रहैं देत लड़का

महरजिया

महरजिया

बच्चन के हरतान के जरूरत का पूरा करैं वाले बाप महतारी बूढ़ होई जाय के बाद बच्चन का आफत लागत हैं। उनके साथैं आत्याचार करत हैं। यहै आत्याचार के शिकार महरजिया भी है।
24 जून 2013 का लगभग सत्तर साल के एक मेहरिया पैलानी थाना मा बइठ रहै। पूछै मा वा बताइस-“मोर नाम महरजिया है। बांदा जिला, ब्लाक तिन्दवारी के गांव कुकुवा के रहैं वाली आहूं। मोरे तीन लड़का हैं। उंई मोहिका खाना तौ देत ही निहाय। ऊपर से मारपीट गाली गलौज करत है। घर से निकारिस हैं। मोर मनसवा भी दस साल पहिले मर गा है। या मारे मोर सहारा करैं वाला कउनौ निहाय। कहां तक इनके मारपीट सहौं। बरसात महीना है कहां जाव। तबै मैं गोहार सुनावै थाना आई हौं।”
महरजिया का लड़का जोगिन्द्रा कहत है कि सास पुतऊ आपस मा लड़त है अउर फंसावत हमैं है। हम कुछौ नहीं कहत आहिन। थाना का दरोगा शिवसागर कहिस कि पहिले तौ समझौता होई। समझौता के बात न मानै अउर दुबारा परेशान करैं मा लड़कन के ऊपर कारवाही होई।