जिला महोबा, शहर महोबा, कनकुआ गांव में घर के बाहर लटकी मिली राजबहादुर खे लाश। राजबहादुर महोबा ब्लाक के कनकुआ गांव के रेबे वाले हे। और राजबहादुर के फांसी लगा के मोत हो गयी हे। घर वालेन को केबो हे जा ह्त्या हे के आत्मह त्या। जा फांसी बहादुर ने घर के बाहर बबूल के पेड़ पे लगाई। महोबकंठ थाने के एस ओ के अनुसार राजबहादुर शराब पीयत हते सो वाने शराब पीये में लगाई। और पोस्टमार्टम में भी जोई आई। और राज बहादुर के घर वालेन को केबो हे के राजबहादुर को ठेकेदार गोपाल ने मारो।
राजबहादुर को भज्जा संतोष ने बताई के कारखाना पे झगड़ा भाओ पईसा के मारे और ठेका को लेके पईसा नई दये सो राजबहादुर पईसा मागबे गयो सो बाए मार दाओ। राजबहादुर के चाचा ने बताई के कारखाना से तनक दूरी पे बबूल के पेड़ से लगाई। और घर में कोऊ से कोनऊ झगडा भी नई हतो के बा के मारे लगाई होबे। बो तो बाने कारखाना पे जो कछु लड़ाई भई होबे सो उतई लगाई।
राजबहादुर के बाप घनश्याम ने बताई के कारखाना में काम करते गोपाल के ते। सो बाके पईसा फंसे ते बो ठेका लेके काम करत तो। सो बाने कई के हमे पईसा देओ तो कह रओ तो कि हमाय नई दे रए तो न देओ लेबर के लाने तो दे दो। लेबर परेशान हो रई और फिर बाद में बा काम पे नई आहे। लेकिन गोपाल कह रए ते के अबे पईसा नईया और जब पूरो काम हो जेहे तब पईसा देहे। लेवर वाले राजबहादुर के पास बार बार आ रए ते कि पईसा दो। वो केसे देबे। जई के मारे बाने फंासी लगाई। राजबहादुर कि बहन अरुण कुमारी ने बताई के हमे सही जानकारी नई मिल रई के कैसे का भओ और न जो पतों पर रओ के जा रस्सी किते से आयी पुलिस को कैबो हे के झूटी कहानी बना के आ जाती। के गोपाल ने मारो जबकि राजबहादुर ने खुद शराब पिये में फांसी लगाई। सो हमने जा कई के जा बताओ शराब पिये में केसे इतने ऊपर चढ़ जाते गिर न परते। तो पुलिस बाले ने कई के अब तुम खुद अपनी जानकारी ले लो। और निपटा लो अपनो केस और ऊने हमाई रिपोर्ट फेक दई।
राजबहादुर को भज्जा संतोष ने बताई के कारखाना पे झगड़ा भाओ पईसा के मारे और ठेका को लेके पईसा नई दये सो राजबहादुर पईसा मागबे गयो सो बाए मार दाओ। राजबहादुर के चाचा ने बताई के कारखाना से तनक दूरी पे बबूल के पेड़ से लगाई। और घर में कोऊ से कोनऊ झगडा भी नई हतो के बा के मारे लगाई होबे। बो तो बाने कारखाना पे जो कछु लड़ाई भई होबे सो उतई लगाई।
राजबहादुर के बाप घनश्याम ने बताई के कारखाना में काम करते गोपाल के ते। सो बाके पईसा फंसे ते बो ठेका लेके काम करत तो। सो बाने कई के हमे पईसा देओ तो कह रओ तो कि हमाय नई दे रए तो न देओ लेबर के लाने तो दे दो। लेबर परेशान हो रई और फिर बाद में बा काम पे नई आहे। लेकिन गोपाल कह रए ते के अबे पईसा नईया और जब पूरो काम हो जेहे तब पईसा देहे। लेवर वाले राजबहादुर के पास बार बार आ रए ते कि पईसा दो। वो केसे देबे। जई के मारे बाने फंासी लगाई। राजबहादुर कि बहन अरुण कुमारी ने बताई के हमे सही जानकारी नई मिल रई के कैसे का भओ और न जो पतों पर रओ के जा रस्सी किते से आयी पुलिस को कैबो हे के झूटी कहानी बना के आ जाती। के गोपाल ने मारो जबकि राजबहादुर ने खुद शराब पिये में फांसी लगाई। सो हमने जा कई के जा बताओ शराब पिये में केसे इतने ऊपर चढ़ जाते गिर न परते। तो पुलिस बाले ने कई के अब तुम खुद अपनी जानकारी ले लो। और निपटा लो अपनो केस और ऊने हमाई रिपोर्ट फेक दई।
रिपोर्टर- सुरेखा राजपूत, और श्यामकली
08/08/2016 को प्रकाशित
कैसे हुई राजबहादुर की मौत? हत्या या आत्महत्या?
महोबा के पनवाड़ी ब्लाक के कनकुआ गाँव में परिवार उठा रहा सवाल