खबर लहरिया जवानी दीवानी “सहमति” क्यों है कानून जरुरी !

“सहमति” क्यों है कानून जरुरी !

wwwइस लेख के द्वारा हम मानव शरीर और सेक्स से जुड़ी बातों और उससे जुड़े कानून के बारे में बता रहे है।
शारीरिक सम्बन्ध यानी सेक्स के लिए सबसे पहले ‘आपसी सहमति’ की आवश्यकता होती है। इसके बारे में कई बार बातचीत द्वारा, इशारों द्वारा या प्रेम के अन्य माध्यम द्वारा पता लगाया जा सकता है।
लेकिन दो लोगों की सहमति को कानून के नज़रिए से क्यों देखा जाता है? इस सहमति की उम्र क्या है? आइये आपको बताते हैं…
18 साल के बाद ‘आपसी सहमति’ कानूनन रूप से वैध हो जाती है।
-जो 18 साल के होते हैं या इस उम्र में प्रवेश करते हैं, वह शारीरिक सम्बन्धों के लिए तैयार नहीं होते हैं।
-सबसे ज्यादा सहमति की उम्र 18 है। यदि इस उम्र के बच्चों का शोषण, मानव तस्करी और बलात्कार किया गया हो तो उन्हें क़ानूनी रूप से सुरक्षा दी जाती है।
-गांव में अक्सर जल्दी शादी कर दी जाती है लेकिन 16 साल में, किसी भी लड़की का शरीर माँ बनने के काबिल नहीं होता है। आपसी सहमति का कानून इसमें भी मदद करता है।
-हमारी संस्कृति में सेक्स को एक बुरी बात की तरह माना जाता है। ऐसे में ‘आपसी सहमति’ का कानून हमारे समाज को बालविवाह जैसी कुरीतियों से बचाता है।

साभार: एजेंट्स ऑफ़ इश्क