नई दिल्ली। यहां हुई एक प्रेस वार्ता के दौरान बॉलीवुड अभिनेता आमिर खान अपने नए धारावाहिक ‘सत्यमेव जयते’ के प्रचार के लिए आए। आमिर खान ने कहा कि वे कोई सामाजिक कार्यकर्ता नहीं हैं बल्कि उनका काम लोगों का मनोरंजन करना है।
‘सत्यमेव जयते’ लोगों की जागरुकता बढ़ाने के लिए कार्यक्रम है और इस प्रक्रिया में वे खुद भी कई मुद्दों से रुबरु हुए हैं। बातचीत में उन्होंने अपने निजी अनुभवों के बारे में कहा, ‘यह दिल तोड़ने वाले अनुभव थे। जिन महिलाओं के साथ अन्याय हुआ था उनके अनुभवों का असर इतना गहरा पड़ा कि अपने आप को संभालना मुश्किल हो गया था। हर एपिसोड में हम हतोत्साहित हुए पर हम में हिम्मत तब आई जब हमने देखा कि इन लोगों के पक्ष में न पैसा है और न सत्ता, फिर भी यह लोग अपनी लड़ाई खुद ही लड़ रहे हैं।’
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के लिए उन्हें कई बार धमकियां भी दी जा चुकी हैं और आज भी लगातार धमकियां मिलती हैं। ‘हमें खाप पंचायतों और डॉक्टरों ने बड़े खतरे भरी धमकियां दी हैं। हर कोई यह ज़रूर कहता है कि वे मेरी फिल्मों का बहिष्कार कर देंगे।‘
आमिर खान ने बताया कि ‘सत्यमेव जयते’ ने उनका जीवन बदल दिया और मुस्कुराते हुए बोले ‘अब मैं पहले की तुलना में जल्दी रो देता हंू पर इन आंसुओं ने मुझे और मज़बूत कर दिया है।’
पिछले साल शुरू हुआ टी.वी. पर आने वाला कार्यक्रम ‘सत्यमेव जयते’ दर्शकों में बहुत लोकप्रिय हुआ। कार्यक्रम में आमिर खान देश के कोनों से अलग-अलग लोगों के संघर्षों की कहानियों को सामने लाते हैं। पिछले साल उन्होंने खाप पंचायत के खिलाफ अंतरजातीय प्रेमी जोड़े के बारे में दिखाया था और इस बार पहले हफ्ते मेें उन्होंने बलात्कार के मुद्दे को उठाया। इसके पहले इस कार्यक्रम ने भ्रूण हत्या, घरेलू हिंसा, जातिगत भेदभाव जैसे मुद्दों पर जागरुकता बढ़ाने की कोशिश की है।