खबर लहरिया सबकी बातें महिलाओ की क्षमताओं पर उठते सवाल

महिलाओ की क्षमताओं पर उठते सवाल

Photo0791समाज में महिलाओं के लिए बनी बनाई धारणा है कि वो क्या कर सकती हैं क्या नहीं। जैसे धारणा है कि महिलाओं को घर के काम करने चाहिए। महिलाएं शारीरिक तौर पर पुरुषों के मुकाबले कमज़ोर होती हैं। उन्हें जोखिम भरे काम नहीं करने चाहिए। समय समय पर इस धारणा को मजबूत करने वाले बयान भी आते रहते हैं। हाल ही में भारतीय वायु सेना के प्रमुख ने कहा महिलाएं वायुसेना के लड़ाकू विमान नहीं उड़ा सकतीं क्योंकि यह एक चुनौती भरा काम है। औरतें गर्भवती भी होती हैं, ऐसे में यह काम किया ही नहीं जा सकता है। इससे पहले भी कई प्रशासन के लोगों ने औरतों को जोखिम भरे काम से दूर रहने की सलाह दी है।
हाल ही में गैर सरकारी संस्था निरंतर और विमेन मीडिया ट्रस्ट ने महिला पत्रकारों पर सर्वे किया। अधिकतर अधिकारियों ने कहा महिलाएं इस पेशे में कम टिकती हैं। शादी और गर्भवती होने जैसे मुद्दों को आधार बनाकर पुरुष अधिकारियों ने साबित करना चाहा कि महिलाओं के लिए यह काम ठीक नहीं है। जबकि सर्वे में ही यह भी निकल कर आया कि जिलों में महिला पत्रकार अपराध, राजनीति और सभी तरह की गंभीर और जोखिम भरी पत्रकारिता कर रही हैं। दिल्ली में स्थित सीएसडीएस नाम की एक संस्था ने भी सर्वे किया। भारतीय किसानों पर किए गए इस सर्वे में निकलकर आया कि छाछठ प्रतिशत ग्रामीण महिलाएं किसानों का काम कर रहीं हैं। यहां सवाल उठता है फिर सरकारी कागजों में महिला किसान को मान्यता क्यों नहीं मिली है?
अब जरा सेना मीडिया, खेती के बाद राजनीति पर नजर दौड़ाएं। यहां पर भी हाल बुरा है। लोकतंत्र के मुद्दे पर काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था इंटरपार्लियामेंट्री यूनियन ने दुनियाभर में एक सर्वे किया। नतीजों में आया कि भारत में लोकसभा में 10.8 और राज्यसभा में 10.3 प्रतिशत ही महिलाएं हैं। जबकि सामाजिक धारणा के उलट ज़मीनी स्तर पर महिलाएं राजनीति, खेती, सेना या फिर मीडिया सभी जगह बेहतर काम कर रही हैं।