युवा आत्महत्या के मामले: हर साल उत्तर प्रदेश में लाख से ज़्यादा लोग आत्महत्या करते होंगे। हर एक पढ़ा-लिखा डिग्री लिया यूथ आज-कल आत्महत्या का शिकार हो रहा है। बस बात इतनी है कि जब कोई परिचित मरता है या कोई लोकप्रिय या हमारे समाज का महत्वपूर्ण व्यक्ति मरता है तो हर कोई बैठकर सोचता है कि आखिर क्या हुआ होगा जो उसने जान गंवा दी। इंसान अपनी जान क्यों लेना चाहेगा? ये सोचना बहुत कठिन हो जाता है। हो सकता है कि कुछ लोग अपने जीवन की परिस्थितियों कि परेशानी के कारण आत्महत्या करते हों, लेकिन बहुत से लोग बेरोज़गारी और डीप्रेशन के कारण भी आत्महत्या कर रहे हैं।
ये भी देखें – Kota Deaths 2023: 17 छात्र अब तक कर चुके हैं आत्महत्या, पढ़ाई का प्रेशर ले रहा जान
इस पर हमने कई रिपोर्टिंग की है। जहां पर अच्छी-अच्छी डिग्री लिए लोग कहीं फांसी लगाकर मौत को गले लगाते हैं, तो कहीं कोई जहरीले पदार्थ खाकर और इसके बाद उनका परिवार रोता-बिलखता रहता है। सितंबर के महीने बांदा जिले में एक बीएससी के छात्र ने फांसी लगाकर आत्महत्या की थी। अयोध्या जिले में एक लड़की जो किसी अच्छी जॉब की तैयारी कर रही थी उसने आत्महत्या की। तरह-तरह की घटनाएं आए दिन हो रही हैं लेकिन परिवार वालों को इसका कोई ठोस कारण समझ में ही नहीं आता।
ये भी देखें – दिल्ली में IIT के छात्र ने की खुदखुशी, परिवार ने लगाया हत्या का आरोप
आज डिग्री लिए लोग बेरोज़गारी से जूझ रहे हैं। वह डिप्रेशन और अन्य अवसादों से घिरे हुए हैं। उन्हें उससे बाहर आने का कोई रास्ता नहीं दिखता जो उन्हें आत्महत्या की ओर ले जाती है। ऐसे में बातचीत करना बेहद ज़रूरी है। वह कोई भी व्यक्ति हो सकता है, कोई भी। बस बात करना ज़रूरी है ताकि समस्या का हल निकाला जा सके, कोई रास्ता तलाशा जा सके।
‘यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’