खबर लहरिया Blog World Heart Day 2021: विश्व हृदय दिवस पर जानिये दिल को स्वस्थ रखने के तरीके

World Heart Day 2021: विश्व हृदय दिवस पर जानिये दिल को स्वस्थ रखने के तरीके

जानिये आप किस तरह से रख सकते हैं अपने दिल का ख्याल।

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स्वस्थ जीवन जीने के लिए शरीर के साथ-साथ दिल का भी स्वस्थ होना ज़रूरी है। इस आधुनिक युग में सब अपने कामों में इतने ज़्यादा वयस्त हैं कि वह अपनी सेहत की तरफ ज़्यादा ध्यान नहीं देते या उसके लिए समय नहीं निकाल पाते। दिल को स्वस्थ रखना बेहतर जीवन जीने के लिए बेहद ही ज़्यादा ज़रूरी है। दिल से जुड़ी बीमारियों की वजह से हर साल सबसे ज्यादा मौतें होती हैं। इसके सामान्य लक्षणों पर लोगों का ध्यान नहीं जाता और आगे चलकर ये गंभीर रूप ले लेती है। दिल को स्वस्थ रखना कितना ज़रूरी है, इसकी जागरूकता के लिए हर साल 29 सितंबर को ” वर्ल्ड हार्ट डे / विश्व हृदय दिवस ” मनाया जाता है।

क्यों मनाया जाता है वर्ल्ड हार्ट डे ?

विश्व हृदय दिवस मनाने की शुरूआत साल 2000 में की गई थी। हृदय रोग विशेषज्ञों के अनुसार दिल की बीमारी किसी भी उम्र में किसी को भी हो सकती है। इसके लिए कोई तय उम्र या समय सीमा नहीं होती। महिलाओं में हृदय रोग की संभावनाएं ज़्यादा होती हैं। देखा जाता है कि इसके बावजूद भी वे इस बीमारी के जोखिमों को नजरअंदाज कर देती हैं। इसीलिए ‘विश्व हृदय दिवस’ लोगों में दिल की बीमारियों के प्रति जागरूक करने का काम करता है।

जानिये दिल की बीमारी से जुड़े 9 लक्षण

– सीने में दर्द

कई बार लोग सीने में होने वाले दर्द को गैस या एसिडिटी मानकर नज़रअंदाज़ कर देते हैं। इसे अनदेखा न करें यह दिल का दौड़ा पड़ने का संकेत हो सकता है। इसके आलावा धमनी (आर्टरी) में रुकावट होने की वजह से भी सीने में भी दर्द हो सकता है। ऐसे बहुत कम मामलें होते हैं जिनमें सीने के दर्द के बिना ही दिल का दौरा पड़ता है।

– गले-जबड़े में दर्द

अगर आपको या आपके माता-पिता को सीने में दर्द होता है जो उनके गले और जबड़े तक फैलता है तो यह दिल के दौरे के शुरूआती लक्षण हो सकते हैं।

– बहुत ज़्यादा पसीना आना 

बिना किसी काम के ज़्यादा पसीना आना दिल की बीमारी का संकेत हो सकता है। जब हृदय रक्त को ठीक से पंप करने में असमर्थ होता है तो बिना किसी कारण के बहुत ज़्यादा पसीना आता है। अगर यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो बिना लापरवाही करें डॉक्टर की सलाह लें।

– चक्कर आना

चक्कर और आंखों के सामने अंधेरा छा जाना कम रक्तचाप (लो ब्लड प्रेशर) की समस्या हो सकती है। अगर आपके माता-पिता में इन समस्याओं के लक्षण दिख रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से जांच करवाएं। कम रक्तचाप की वजह से शरीर में खून का फैलाव कम हो जाता है। इससे रक्त का प्रवाह हृदय तक ठीक तरह से नहीं पहुंच पाता है और हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।

– उल्टी, मिचली और गैस

मिचली के बाद उल्टी महसूस होना भी दिल का दौरा पड़ने का शुरुआती लक्षण हो सकता है।

– पैरों में सूजन

पैरों में, टखनों में सूजन और तलवों में सूजन आने का कारण दिल की बीमारी से जुड़ा हुआ भी हो सकता है। कई बार दिल में खून का प्रसार ठीक तरह से ना होने की वजह से पैरों में, टखनों में सूजन और तलवों में सूजन आ जाती है।

– उच्च रक्तचाप / हाई ब्लड प्रेशर

इन दिनों उच्च रक्तचाप की समस्या लोगों में बहुत ही आम हो गई है। 50 साल से ऊपर की उम्र के बाद इस बीमारी का खतरा बढ़ जाता है। आप अपने माता-पिता का हर हफ़्ते या 15 दिनों के अंदर डिजिटल उच्च रक्तचाप मापने वाली मशीन की मदद से ब्लड प्रेशर चैक कर सकते हैं। अगर आपके माता-पिता उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं तो आपको नियमित रूप से जांच करानी चाहिए। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप आपके दिल को कठोर बना सकता है जिससे दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ जाता है।

– मधुमेह (डायबिटीज़) / हाई ब्लड शुगर

हाई ब्लड शुगर से कोरोनरी आर्टरी डिसीज यानी दिल की धमनी का रोग का खतरा बढ़ जाता है। दरअसल, खून में शुगर का स्तर बढ़ने से कोरोनरी धमनी संकरी हो जाती हैं। इससे रक्त वाहिकाओं के कार्य में रुकावट आ जाती है। इसलिए समय-समय पर ब्लड शुगर लेवल की जांच करना हृदय को स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए बहुत ज़रूरी होता है।

दिल को स्वस्थ रखने के तरीके

– चुस्त/ एक्टिव रहें

अगर आप रोज़ाना कुछ आधे घंटे की साधारण व्यवयाम करते हैं तो आपके लिए यह काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। आप अगर ज़्यादा व्यस्त रहते है तो हफ़्ते में 5 दिन 30 मिनट का भी व्यवयाम फायदेमंद साबित हो सकता है।

– शरीर के वज़न का ध्यान रखना

ओबेसिटी यानी मोटापा आपके दिल का बहुत बड़ा दुश्मन है इसलिए जरूरी है कि आप अपने शरीर के वज़न को हमेशा सही रखें। ज़्यादा वज़न वाले लोगों में हार्ट से जुड़ी समस्याओं का खतरा अन्य लोगों की अपेक्षा ज़्यादा रहता है।

– खाने में शामिल करें फाइबर

फाइबर आपकी सेहत के लिए बेहद जरूरी है। अपने दिल को स्वस्थ रखने के लिए खाने में फाइबर को शामिल करें। इसके लिए आप होलमील ब्रेड/ चक्की वाला आटा, जई/ ओट्स, छिलके वाले आलू, फल और सब्जियां खाने में शामिल कर सकते हैं।

– सैचुरेटेड फैट/ संतृप्त वसा कम लें

ज़्यादा सैचुरेटेड फैट वाला खाना लेने से खून में कोलेस्ट्रॉल/ रक्तवसा की मात्रा बढ़ जाती है। इससे दिल की बिमारी का खतरा बढ़ जाता है। इसके लिए कम फैट दूध व अन्य कम फैट वाला खाना इस्तेमाल कर सकते हैं। संतृप्त वसा में मखन, चिकनी चीज़ें और चर्बी शामिल हैं।

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