उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के तिंदवारी ब्लॉक के गाँव खप्टिहा की रहने वाली महिलाओं का आरोप है कि साल 2020 में उन्होंने मनरेगा के तहत मज़दूरी की थी। जिसका भुगतान उन्हें अभी तक नहीं किया गया है। साल भर से वह प्रधान और सचिव के चक्कर लगा रहें हैं। जब भी वह लोग उनके पास शिकायत लेकर जाते हैं तो वह कहते कि उनका पैसा खाते में आ गया है। जब वह राशि चेक करने के लिए बैंक जाते हैं तो बैंक मैनेजर उन्हें डांट कर भगा देता।
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अपनी परेशानी के समाधान के लिए लोगों ने आज तिंदवारी ब्लॉक के बीडीओ को शिकायत पत्र देकर मनरेगा के तहत की हुई मज़दूरी के पैसें दिलाने की मांग की है। मामले को लेकर तिंदवारी विकासखंड के बीडीओ अमित कुमार यादव का कहना है कि लोगों की जांच करने के लिए सचिव को आदेश दिया गया है। अगर भुगतान नहीं मिला है तो तत्काल जांच के बाद प्रधानमंत्री आवास के तहत मिलने वाले मनरेगा के पैसे जो कि 17 सौ या 18 सौ होते हैं, लोगों के खातों में डाल दिया जाएगा।
तिंदवारी विकासखंड के बीडीओ अमित कुमार यादव का यह भी कहना है कि जो लोग मजदूरी करते हैं उन लोगों का पेमेंट 8 दिन में करा दिया जाता है पर कुछ लापरवाही की जाती है कि उनको साल दो साल तक मज़दूरी का पैसा भुगतान नहीं किया जाता है। उन्होंने सचिव को आदेश दिया है कि तत्काल ही उनकी जांच करके मास्टर रोल भर के उनका पेमेंट कराया जाएगा।
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