राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण की मानें तो 57.6% भारतीय महिला सैनिटरी पैड का इस्तेमाल करती हैं। 62% अभी भी कपड़ा, राख, घास, जूट व अन्य चीजों पर निर्भर हैं। बिहार में 82% महिलाएं पीरियड्स के दौरान कपड़े के टुकड़े का इस्तेमाल करती हैं। जबकि छत्तीसगढ़ और यूपी में पीरियड्स के दौरान कपड़ा इस्तेमाल करने वाली युवतियों की तादाद 81% है। शायद इसी कारण दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर के एक चौथाई से अधिक मरीज भारत से हैं। इसकी अहम वजह जागरूकता की कमी और मासिक धर्म को लेकर मौजूद तमाम उल्टी-सीधी मान्यताएं बताई गई हैं।
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