पन्ना जिले के ब्लॉक अजयगढ़ में रहने वाली 28 साल की साकरीन को बचपन से डांस और गाने का शौक था। लेकिन आर्थिक कमज़ोरी उसके सपनो को पंख ना दे सकी। साक्रीन के पिता का नाम काले खां है। 12 वीं तक की शिक्षा उसने कन्या पाठशाला स्कूल से प्राप्त की है।
वह बताती हैं कि स्कूल में जब भी कार्यक्रम होते थे तो वह उसमें भाग ज़रूर लिया करती थी। आगे पढ़ने के लिए ज़्यादा पैसे ना होने की वजह से उसने काम करके प्राइवेट ग्रेजुएशन की शिक्षा पूरा की है।
इस समय वह पार्लर में काम करती है। घर-घर जाकर शादियों में बुकिंग करती है। मनोरंजन के तौर पर वह शादियों में गाना भी गाती हैं। वह कहती हैं कि वह लोकल भाषा के साथ-साथ उर्दू में भी गाना गाती हैं।
वह मैहर में अलाउद्दीन अकैडमी में गाना भी गा चुकी हैं जहां उन्हें सम्मानित भी किया गया था। अकैडमी के तबला मास्टर ने साक्रीन से कहा था कि अगर वह अकैडमी में दाखिला लेती हैं तो वह बहुत नाम कमाएंगी क्योंकि उनकी आवाज़ बेहद अच्छी है। लेकिन पैसों के अभाव की वजह से वह अपना सपना पूरा नहीं कर पायी।
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