इस बार मेरे शो का मुद्दा है बेटियों की शादी जल्दी क्यों कर दी जाती है। घर में माँ बाप को सबसे बड़ी जिम्मेदारी बेटी की शादी होती है। यह भी है की घर वालों से ज्यादा तो समाज के लोगों को चिंता होती है। अगर किसी के घर में बेटी हुई और उसकी उम्र थोड़ी ज्यादा हो गई शादी नहीं हुई हो जब तो देखो जैसे पूरे समाज की इज्जत उसी लड़की के सर पर है। सबको खतरा महसूस होता है कहीं नाक न कट जाए किसी के साथ भाग न जाए।
ये भी देखें – विधवा महिलाओं को शुभ कामों में क्यों नहीं किया जाता है शामिल ? बोलेंगे बुलवाएंगे शो
वहीं लड़का चाहे बूढ़ा हो रहा हो शादी नहीं की हो तो कहा उसे भी जाता है लेकिन इस चिंता के साथ बुढ़ापे में इस बेचारे का सहारा कौन होगा? अर्थी को अग्नी कौन देगा? बेचारा रडूआ ही मर जाएगा।
लड़की की शादी के लिए उसकी इच्छा नहीं पूछी जाती। लड़के के लिए ये छूट होती है वो अपनी इच्छा बताए। लड़कियां अगर अपनी करने न करने की इच्छा जाहिर कर दें तो वो समाज की नजरों में बेशर्म है। यहां तक की उसके चरित्र पर उंगली उठाई जाती है। किस किस तरह के ताने सुनने पड़ते हैं। और तो और ग्रामीण क्षेत्रों में जबरदस्ती लड़कियों की शादी कर दी जाती है सारी जिन्दगी उन्हें किसके साथ रहना ये इच्छा तो वो जाहिर भी नहीं कर सकती।
ये भी देखें –
यदि आप हमको सपोर्ट करना चाहते है तो हमारी ग्रामीण नारीवादी स्वतंत्र पत्रकारिता का समर्थन करें और हमारे प्रोडक्ट KL हटके का सब्सक्रिप्शन लें’