खबर लहरिया जिला सोशल मीडिया पर वृक्षारोपण के नाम पर क्यों होता है सिर्फ दिखावा? द कविता शो

सोशल मीडिया पर वृक्षारोपण के नाम पर क्यों होता है सिर्फ दिखावा? द कविता शो

दोस्तों क्या आपने भी वृक्षारोपण किया? अपने आस पास खेतों, मोहल्ले या पार्क में पौधे लगायें हैं? क्या आपने भी पौधे लगाते समय फोटो खिचवाया और सोशल मीडिया में डालकर अपने दोस्तों को बताया है ताकि नेक काम के लिए वाहवाही मिल सके, बधाइयाँ मिल सकें और आप फेमस हो सकें?

क्योंकि आजकल यही चल रहा है। वृक्षारोपण का काम सोशल मीडिया पर तेजी से बढ़ रहा है। छोटे मोटे नेताओं से लेकर बडे़ बडे़ अधिकारी बडे़ बडे़ नेता मंत्री और समाज सेवी यहाँ तक की कुछ पत्रकार साथी भी। पेड़ लगाते सोशल मीडिया में दिख रहें हैं। एक पेड़ को चार से छह लोग लगाते हैं और पेड़ की तरफ नहीं कैमरे की तरफ पोज बनाकर मुस्कुराते हुए फोटो खिचवाते हैं और पोस्ट करत देतें हैं फेंसबुक में. फिर क्या उसी तरह के लोगों के कमेंट आते हैं कि बधाई हो, सराहनीय काम, वेरी नाईस। और फोटो पोस्ट करने वाले कमेंट पढ़ पढ़ कर गदगद होते रहते हैं। है न सही बात? ऐसी पोस्ट तो आपने भी देखी होगी न? कुछ गलत कह रही हूं तो कमेंट करके जरूर बताना।

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पेड़ लगाना अच्छी बात है जब हम पेड़ लगायेगें तभी पर्यावरण को बचा पाएगें हमको शुद्ध हवा मिलेगी और बारिश भी होगी। पेड़ लगाना अच्छा तब है जब आप उन पेड़ों को बाद में पानी डाल सको, उनकी समय समय पर देखभाल कर सको। लेकिन ऐसा होता नहीं है तभी मैं यहां पर चर्चा छेड़ रहीं हूं ताकि इसपर चर्चा छिड़े बात हो सवाल और जवाब हो जवाबदेही हो।

हमने वृक्षारोपण पर बहुत स्टोरीज़ की है। पेड़ लगाने से लेकर उनकी देखभाल करने करने तक। पिछले साल का उदाहरण आपको बताती हूं महोबा ज़िले में पिछले साल वृक्षारोपण किया गया राजनैतिक लोगों ने फोटो खिचवाई पोस्ट किया और सरकार को रिपोर्ट भी भेज दी लेकिन उन पौधों को बाद में पलट कर देखा तक नहीं गया। किसी ने एक मग पानी तक नही डाला और सारे के सारे पौधे सूख गए। पिछले साल की तस्वीरें आपके सामने हैं, तो ऐसे पौधे लगाने से अच्छा है आप न लगाएं प्रकृति के साथ अन्याय न करें खिलवाड़ न करें। प्रकृति की बददुआ न लें। क्योंकि इसका खामियाजा बहुत बुरा भुगतान पड़ता है।

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इसी साल का उदाहरण सामने है रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ी है। पूरा जून जुलाई निकल गया अभी तक बारिश नहीं हुई है। किसान फसलें बोने के लिए बैठें हैं, भगवान को ताक रहे हैं। हर दिन मोटे मोटे काले काले घने बादल उमड़ते हैं उनको देख कर यही लगता है आज बारिश हो जाएगी लेकिन बारिश नहीं होती है। बादल भी अपना रंग दिखा कर छिप जाते हैं, तो यह सब देख कर हम सबको प्रकृति के साथ अच्छा व्यवहार करना होगा। पेड़ लगाईये उनको जिंदा रखने के लिए पालने पोसने के लिए न कि फोटो खिचवाने के लिए। हो सके तो हर साल उस पेड़ की फोटो पोस्ट कीजिए जो हर साल बड़ा हो रहा हो, छाया दे रहा हो, फल दे रहा हो, बादलों को मना रहा हो।

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