खबर लहरिया खेती महोबा- गेहूं बिक गये पर पैसे के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे किसान

महोबा- गेहूं बिक गये पर पैसे के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे किसान

महोबा- गेहूं बिक गये पर पैसे के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे किसान :जिला महोबा ब्लाक जैतपुर अलग-अलग गांव के किसान परेशान हैं कहते हैं कि लगभग एक महीना हो गए हमें गेहूं खरीद केंद्र में हमने अपना गेहूं खरीदा था लेकिन अभी तक भुगतान न होने के कारण हम लोगों की किसानी इस समय तक चल रही है।

जैसे कि हमने थ्रेसर में गेहूं करवाया था उनका भी हमें पैसा देना है और हमने कटाई के भी पैसा देना है जो गेहूं कटवा आया था हम उन मजदूरों को कह रहे थे कि जब हमारा गेहूं बिक जाएगा तो हम आपको पैसा दे देंगे लेकिन एक महीना हो गया केंद्रों में गेहूं बेच अभी तक पैसा नहीं आय और दूसरी बात यह है कि अब हम लोगों को अपने खेतों की बकवास भी करना है अगर पैसा नहीं होगा तो कैसे करवाएंगे इससे काफी परेशानी होती है और घर खर्च भी रुके पड़े हुए हैं
एक तो पहले से ही किसान परेशान होते हैं कि हम लोगों की कब फसल आएगी और कब हम बेचजेंगे जब बेचजते हैं तो टाइम से पैसा भी नहीं मिलता
बड़े मेहनत के साथ अपनी फसल बचा पाते हैं जैसे कि सब लोग जानते ही हैं कि कभी किसानों सूखा तो कभी ओला भेजती तो कभी बारिश से फसल खराब हुई है जो भी बची खुशी है तो अब हम लोगों के पैसे नहीं हैं जो अपना घर घर चला सके
रात दिन मेहनत करने के बावजूद भी अगर टाइम से पैसा नहीं मिलता है तो इससे किसान परेशान हो जाते हैं
किसानों के कोई आए तो है नहीं है यही किसानी ही है जिससे अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं और अगली फसल के लिए तैयारियां करते हैं
लेकिन इस साल जो हम गेहूं बेचा है तो एक एक महीना हो गए अभी तक पैसा नहीं मिला अगली साल जब हम रहते थे तो दो-चार दिन में हमारे खाते में पैसे आ जाते हैं इसी साल इस तरह की समस्याएं हैं जो अभी तक पैसा नहीं आ रहे हैं अब हम इतना भरोसा रखें कि कब तक आएगा गेहूं बेचने का पैसा
गेहूं केंद्र प्रभारी का कहना है कि 1 साल हमारे यहां पैसा आता था तो हम स्वयं किसानों को भुगतान करते थे इस साल पीसीएफ से पैसा आता है इस वजह से थोड़ा लेट लव पार्ट होता है हम किसानों को कहते हैं कि हमारी सिर्फ गेहूं खरीदने की जिम्मेदारी है और पैसा आपका ऊपर से आएगा
किसान पर किसान हमारे से ही कहते हैं कि हमने तो आपके यहां यहां बेचा था और पैसा भी अभी नहीं आया है
जब पीसी एप प्रभारी से बात की गई तो उनका कहना है कि किसान का पैसा तो दिया जाता है पर उनके कुछ नाम गलत होते हैं इस वजह से थोड़ा लेट लगा लपेट हो जाता है और सही करके ही उनका पैसा जल्द ही भेज आएंगे