अम्बेडकर नगर ज़िले का टांडा क़स्बा, जहाँ मौजूद हैं लगभग 50,000 से ऊपर बुनकर। करीब 1 साल पहले से बुनकरों को फ्लैट रेट में बिजली मिलना बंद हो गई और घर-घर मीटर लगा दिए गए, जिससे धीरे-धीरे कुटीर उद्योग अब खतरे में जा रहा है। टांडा में बुनकर कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि कुछ सालों पहले तक तो बुनकर का काम ठीक चल रहा था लेकिन जब से बिजली उन्हें उनको फ्लैट रेट में मिलना बंद हुई है तबसे इस काम में बहुत मंदी आ गई है।
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अब घर-घर मीटर लगा दिए गए हैं और यूनिट के हिसाब से बिजली दी जा रही है, इससे उनका खर्च बढ़ गया है लेकिन आए कम हो रही है। उत्तर प्रदेश के न जाने कितने बुनकर अब अपने पावर लूम बंद करके दूसरे काम की तलाश में पलायन तक कर चुके हैं।
लोगों ने बताया कि कई सरकारें आयीं और गयीं लेकिन बुनकरों के हित के लिए किसी ने काम नहीं किया। इस चुनाव में भी जो नेता उन्हें वापस से बिजली फ्लैट रेट में दिलवाएगा, वो उसी का समर्थन करेंगे।
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