खबर लहरिया कोरोना वायरस बुनकरों के रोज़गार के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी कोविड-19 का पड़ा भारी प्रभाव

बुनकरों के रोज़गार के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी कोविड-19 का पड़ा भारी प्रभाव

कोविड-19 के आने से विश्व भर में लोगों ने अनेक तरह की परेशानियों का सामना करा। कुछ लोग अपने रोज़गार से हाँथ धो बैठे तो कुछ लोगों ने अपनों को ही खो दिया। लोगों के शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य पर भी कोविड-19 और लॉकडाउन का भारी असर देखने को मिला।

                                         बुनकर का काम करता हुआ व्यक्ति

हाल ही में हम पहुंचे वाराणसी के कुछ बुनकरों से मिलने। हर रोज़गार की तरह कोविड-19 के दौरान लगे लॉकडाउन के चलते बुनकरों का काम भी पूरी तरह से ठप्प हो गया था। न ही उनके कपड़े बाहर बिके और न ही सरकार की तरफ से भी उन्हें इस दौरान कोई सहायता नहीं मिली। ऐसे में उनके मानिसक स्वास्थ्य पर क्या असर पड़ा आइए जानते हैं।

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बुनकर परिवारों की महिलाओं के भी मानसिक स्वास्थ्य पर कोरोना महामारी का भारी असर पड़ा, लेकिन ये महिलाएं अपनी समस्याएं हैं बताने में कतरा रहीं थीं, जिसके बाद इनके परिवार के पुरुषों ने ही हमें इन महिलाओं की मानसिक स्थिति से रूबरू कराया।

मानसिक स्वास्थ्य के बारे में बात करना उतना ही ज़रूरी है जितना इससे उबरने के लिए लोगों की मदद करना है। खबर लहरिया की मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी इस पहल का हिस्सा बनें और अगर आपके आसपास कोई इस परेशानी का सामना कर रहा है, तो तुरंत उसे नज़दीकी कॉउंसलर के पास लेकर जाएँ।

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