खबर लहरिया कोरोना वायरस कोरोना मुक्त अयोध्या और चित्रकूट में आई कोरोना मरीजों की बाढ़ देखिये द कविता शो

कोरोना मुक्त अयोध्या और चित्रकूट में आई कोरोना मरीजों की बाढ़ देखिये द कविता शो

कोरोना मुक्त अयोध्या और चित्रकूट में आई कोरोना मरीजों की बाढ़ देखिये द कविता शो नमस्कार दोस्तो द कविता शो के इस एपीसोड में आपका स्वागत कोविड 19 वैस्विक महामारी को लेकर जब से देश को लाकडाऊ किया गया तब हमारे इलाके बुंदेलखंड की स्थिति बहुत अच्छी थी खासकर महोबा हमीरपुर और चित्रकूट में दूसरे लाकडाउन तक कोई केस नहीं थे यही हाल अयोध्या का था और यहां पर एक माह लाकडाउन का बीतने के बाद भी कोई केस नही आया तो लोग सीधे इसको धर्म से जोडने लगे थे बराबर खबरें आ रही थी रामकी नगरी अयोध्या और पावन धरती चित्रकूट में कोरोना नहीँ दे सका दस्तक ,अरे यहा तो भगवान का बसेरा है यहा कैसे कोरोना आ सकता है इस तरह से बहुत सारी पोस्ट आई ,ये सारी बाते मेरे दिमांग में ठक ठक मार रही थी चोट पहुंचा रही थी मैं सोच रही थी क्या सच में ऐसा है कि चित्रकूट और अयोध्या में राम की वजह से कोरोना नहीं आयेगा लेकिन मुझे विस्वास.न हो रहा था मैं सोच रही थी अगर ऐसा ही है तो इस मुसीबत की घडी में भगवान के दरबाजे को बंद क्यों किया गया 2-जिसे लोग इतना मानते है कहते हैं भगवान सारे कस्ट हर लेता है मुसीबत में साथ देता है ,भगवान के बिना मर्जी के एक पत्ता भी नही हिल लेकिन अब कोरोना ने हर जिले को अपनी चपेट में जकड लिया है चाहे वो राम की नगरी हो या शिवका या हनुमान का गढ हो ,लेकिन अंध भक्त कहां समझेगें कि कि दुनिया में आज तक हर चीज वो सम्भव हुई है जिसमें इंसान ने दिमांग लगया है मेहनत किया है साइंस ही है जिसने कोरोना और कोरोना मरीजों को काबू करने में मदद करी है बाकी कोई धर्म कोरोना को मात नहीं दे सका आखिर ऐसा क्यों अगर धर्म कोरोना को रोक नहीं सकता है तो फिर इंसानियत ही की पूजा होनी चहिए न मुझे पता है का भक्तों को ये मेरी बाते नागवार गुजरेगी हो सकता कुछ लोग बुरा भला भी बोले खैर इसका मुझे कोई फर्क नहीं पडता है भई खुलकर भडास निकालने की छूट है 3कोरोना ने भगवान की नगरी चित्रकूट और अयोध्या में दो लोगों को निगल गया महोबा में भी एक ब्यक्ति की मौत हुई है इन कोरोना मरीजों के तीनों केस ने और भी चिंता को बढा दिया है अचानक से एक दिन में सात केस चित्रकूट और अयोध्या में आठ के आये इसी तरह में महोबा में भी कोरोना के पाजटिव केस मिलने से हडकम्प मच गया था और चर्चा तुरंत पलट गई इससे समझ में आता है कि इ़सान कितना भटका हुआ है एकाग्र नहीं है कुछ भी बोलना या कहना उसके आगे पीछे न सोचा जाता है न ही कोई मंथन होता है 4चित्रकूट धाम मंडल के अब तक में कुल 41 पाजटिव केस आये हैं स्थिति इतनी अच्छी नही थी और यह भी साफ है यह केस मजदूरों में ज्यादा पाये गये हैं लेकिन अभी भी बहुत सारे मजदूरों की ठीक से जांच नहीं हुई है जिसवजह से मजजदूर अपने घरों में भी चले गये हैं कोरोंटाइन में भी बहुतों को नहीं रखा गया है क्योकि इतनी ज्यादा व्यवस्था ही नहीं है कोरेंटाइन सेंटरों में ,जो लोग कोरेंटाइन सेंटरों में हैं भी वह भूख प्यास और गर्मी में मर रहे हैं मुझे यह भी याद है का जब लाकडाउन हुआ था जब ज्यादा पाजिटिव केस भी नहीं थे तब हर जिले में ज्यादा शक्ति से लाकडाउन का पालन हो रहा था लेकिन जब केस बढ रहे हैं और लाकडाऊन के नियमों के पालन करने की ज्यादा जरूरत है तब सबकुछ नार्मल कर दिया गया है रह आगे के लिए खतरा हो सकता है