वैसे तो सरकार ने आधार कार्ड को सबसे महत्वपूर्ण प्रमाण पत्र बताते हुए उसे हर किसी के पास होना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन अभी भी हमारे देश कई लोग ऐसे हैं, जिनको आधार कार्ड न बन पाने के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ ऐसा ही एक मामला सामने आया है चित्रकूट ज़िले के मऊ ब्लॉक के रैपुरा गाँव में। इस गाँव में अभी भी कई परिवार ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बना है, और जिसके कारण इन लोगों को सरकार द्वारा दी जा रही अनेक सुविधाओं का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है।
सरकार द्वारा चलाई जा रही किसी भी योजना का नहीं मिलता है लाभ-
रैपुरा गाँव के दिलीप कुमार का कहना है कि उनका और उनकी पत्नी का आधार कार्ड आज तक नहीं बन पाया है। और आधार कार्ड न बन पाने के कारण न ही उनका किसी बैंक में खाता खुल पा रहा है और न ही वो लोग वोट देने जा पाते हैं। गाँव की 35 वर्षीय गुड्डी देवी ने हमें बताया कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान ज़्यादातर लोगों के खाते में सरकार द्वारा कुछ पैसे आते थे।
लेकिन उनका बैंक का खाता न होने के कारण, उनको सरकार से किसी प्रकार की मदद नहीं मिली। गुड्डी ने कई बार कर्वी में मौजूद बैंकों के चक्कर काटे हैं लेकिन बैंक के कर्मचारी उनसे आधार कार्ड लाने की ही बात कहते हैं। गुड्डी ने बताया कि उन्होंने आधार कार्ड का फॉर्म भी कई बार भरा है लेकिन आधार कार्ड आजतक बनकर नहीं आया। गुड्डी और उनका परिवार रोज़गार के लिए गाँव से बाहर शहरों की ओर भी कई बार पलायन कर चुका है, जहाँ आधार कार्ड न होने के कारण उन्हें कोई भी सुविधा मिलने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।
कई बार गए आधार कार्ड बनवाने, लेकिन आजतक नहीं बना-
इसी प्रकार मऊ ब्लाक के गाँव लवेद के 20 वर्षीय पप्पू और गाँव सुरौधा के 22 वर्षीय पवन का भी अबतक आधार कार्ड नहीं बना है। इन लोगों का कहना है कि यह लोग दूसरे शहरों में मज़दूरी करते हैं लेकिन आधार कार्ड न होने के कारण ज़्यादातर लोग इन्हें काम देने से इंकार कर देते हैं। इन्हें सरकार की तरफ से भी कोई सुविधा नहीं मिलती है जिसकी मदद से ये लोग अपने परिवार का गुज़ारा करें। गाँव में जब भी वोट देने की भी बारी आती है, तब ये लोग प्रधान के पास आधार कार्ड बनवाने की गुहार लेकर भी जाते हैं ताकि ये वोट दाल सकें, लेकिन गाँव के प्रधान भी इनकी कोई मदद नहीं करते। पवन का कहना है कि वो आधार कार्ड बनवाने के लिए कई बार मऊ डाकखाना भी गए, लेकिन वहां के कर्मचारियों ने उन्हें यह कहकर वापस लौटा दिया कि हाईस्कूल की मार्कशीट के बिना आधार कार्ड नहीं बनेगा। यह लोग आधार कार्ड बनवाने के लिए किराए-भाड़े, फॉर्म भरने आदि के लिए अबतक हज़ारों रूपए खर्च कर चुके हैं, लेकिन अभी तक आधार कार्ड नहीं बना है।
कई लोगों ने यह भी बताया कि आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी बनवाने के लिए लोगों को दौड़-भाग भी करनी पड़ती है और फिर कोई काम भी नहीं बनता। हर विभाग के कर्मचारी इन लोगों से पैसे निकलवा लेते हैं और फिर इन्हें किसी दूसरी तारीख़ में आने को बोल देते हैं। किसी भी प्रकार का पहचान पत्र न होने के कारण न ही इन लोगों को मनरेगा में काम मिलता है और न ही इन्हें मुफ्त में राशन मिल पाता है। इनमें से ज़्यादातर लोग मज़दूरी करके अपना पेट पालते हैं, अगर इनको सरकार की तरफ से थोड़ी भी मदद मिल जाए, तो शायद इनकी पेशानियों का कुछ हल निकल सके।
मऊ बैंक में कंप्यूटर ऑपरेटर शिवकुमार ने इस मामले पर जानकारी देते हुए बताया कि बैंक में खाता खुलवाने के लिए अब बैंक में ही वोटर आईडी और आधार कार्ड बनवाने की सुविधा उपलब्ध है, और यहाँ पर मौजूद कर्मचारी एक दिन में 30-35 लोगों के आधार कार्ड बनवा भी रहे हैं। परन्तु जब एक साथ कई लोग बनवाने आ जाते हैं तो व्यवस्था में थोड़ी दिक्कत आ जाती है। फिर भी उनकी पूरी कोशिश रहती है कि सभी की समस्याओं का समाधान निकाला जाए और सभी के वोटर आईडी और आधार कार्ड बनवाए जाएँ। इसके साथ ही उन्होंने हमें यह भी बताया कि इस समय मऊ ब्लॉक में मौजूद हर बैंक में आधार कार्ड बनवाने की प्रक्रिया चालू है, और कोई भी व्यक्ति आकर अपना आधार कार्ड आसानी से बनवा सकता है।
इस खबर को खबर लहरिया के लिए सुनीता बरगढ़ द्वारा रिपोर्ट एवं फ़ाएज़ा हाशमी द्वारा लिखा गया है।