खबर लहरिया खेती पन्ना: सरकारी रेट कम होने से उपार्जन केंद्रों में चने और सरसों को कोई किसान नहीं बेच रहा

पन्ना: सरकारी रेट कम होने से उपार्जन केंद्रों में चने और सरसों को कोई किसान नहीं बेच रहा

पन्ना जिले के ब्लॉक आजमगढ़ तहसील के उपार्जन केंद्रों में हर साल की तरह इस वर्ष भी उपार्जन केंद्र में किसानों की अनाज खरीदी चालू हो गयी है। रबी फसलों की खरीदी चल रही है। जिसमे यह देखा गया कि इस साल गेहूं खरीदा जा रहा है। चने और सरसों को कोई किसान नहीं बेच रहा। जिसका कारण यह है कि मार्केट के दाम और सरकारी रेट के दामों में काफी फर्क देखने को मिल रहा है। कोई भी किसान घाटे में अपनी फसल नहीं देगा। ऐसा ही मामला बहादुरगंज सोसाइटी के खरीदी केंद्र का है।

जहां पर गेहूं खरीदा जाता है। जबकि हर वर्ष सरसों और चने की तुलाई होती थी। लेकिन इस वर्ष सिर्फ गेहूं की ही तुलाई की जा रही है। जिसका कारण यह है कि चने और सरसों के जो रेट उपार्जन केंद्र में है , वह कम है। वहीं इसकी कीमत बाज़ार में ज़्यादा है। माता प्रसाद द्वारा बताया गया कि चना का रेट मार्केट में ₹5100 क्यूंट्ल है। वहीं उपार्जन केंद्र में 5000 रूपये क्यूंट्ल है। ऐसे में कौन अपने फसल को सरकारी दामों में देना पसंद करेगा। सरसों का भी रेट उपार्जन केंद्र में कम है और बाज़ार में ज्यादा है।

इसीलिए इस साल चने और सरसों की खरीदी नहीं हो रही है। किसानों के द्वारा उपार्जन केंद्र में गेहूं 1975 रुपए प्रति क्यूंट्ल के हिसाब से बिका है। जिन किसानों का गेहूं उपार्जन केंद्रों में दिख रहा है उनको हाथों-हाथ पैसे नहीं दिए जाते हैं। बल्कि उनके खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं। 50 किलो की बोरी के हिसाब से गेहूं लिया जा रहा। लेकिन 500 ग्राम का बारदाना है ( बोरे का वजन।) लेकिन जब देखा तो बोरी में 50 किलो 800 ग्राम के हिसाब से तुलाई की जा रही है।