उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि “यह प्रत्येक भारतीय की जीत है और यदि हमें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हम सभी को मिलकर काम करना होगा।”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए (फोटो साभार : सोशल मीडिया नरेंद्र मोदी X अकाउंट)
एनडीए के सी.पी. राधाकृष्णन भारत के नए 15वें उपराष्ट्रपति होंगे। इसकी घोषणा कल मंगलवार 9 सितम्बर 2025 को नए संसद भवन में उपराष्ट्रपति चुनाव में जीत के परिणाम से हुई। सी.पी. राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुनाव में 452 वोट मिले जबकि विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 वोट मिले थे। इस चुनाव का आयोजन इसलिए किया गया क्योंकि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 21 जुलाई को स्वास्थ्य समबन्धी कारणों से पद से इस्तीफा दे दिया था।
उपराष्ट्रपति चुनाव में सी.पी. राधाकृष्णन की जीत
नई दिल्ली के नए संसद में मंगलवार 9 सितम्बर को उपराष्ट्रपति चुनाव हुए। यह चुनाव कांग्रेस (विपक्ष) के उम्मीदवार बुचिरेड्डी सुदर्शन रेड्डी (बी सुदर्शन रेड्डी) और एनडीए के उम्मीदवार चित्तूर पट्टाभिरामन राधाकृष्णन (सी.पी. राधाकृष्णन) के बीच था। यह प्रक्रिया सुबह 10 बजे से लेकर शाम 5 बजे तक चली। इसके बाद इसी दिन नए उपराष्ट्रपति के चुनाव परिणाम की घोषणा हुई। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार मतदान प्रक्रिया के दौरान कुल 754 वोट पड़े, जिनमें से 15 अवैध पाए गए। राधाकृष्णन को वैध अधिमान्य मतों में से 452 मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी रेड्डी को 300 वोट मिले। परिणाम के बाद सी.पी. राधाकृष्णन को अगले उपराष्ट्रपति के रूप में चुना गया।
उपराष्ट्रपति के रूप में चुने जाने पर सी.पी. राधाकृष्णन ने कहा कि “यह प्रत्येक भारतीय की जीत है और यदि हमें 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना है तो हम सभी को मिलकर काम करना होगा।”
विपक्ष के उम्मीदावर सुदर्शन रेड्डी ने उपराष्ट्रपति सी.पी. राधाकृष्णन की जीत पर कहा कि वह विनम्रतापूर्वक परिणाम स्वीकार करते हैं और श्री राधाकृष्णन को उनकी नई भूमिका के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए (फोटो साभार : सोशल मीडिया नरेंद्र मोदी X अकाउंट)
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन कौन हैं
सीपी राधाकृष्णन का जन्म 1957 में तमिलनाडु में हुआ था। वे 68 साल के हैं। वे फ़िलहाल अभी महाराष्ट्र के राज्यपाल पद पर हैं। उपराष्ट्रपति शपथ ग्रहण से पहले उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा देना होगा। जानकारी के मुताबिक उन्होंने किशोरावस्था में ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गए थे और धीरे-धीरे भारतीय जनता पार्टी में अपनी पहचान को मजबूती दी। वे गौंडर-कोंगु वेल्लालर समुदाय से आने वाले एक ओबीसी समुदाय के नेता हैं।
हिदुस्तान टाइम्स कि रिपोर्ट के अनुसार सीपी राधाकृष्णन तमिलनाडु के एकमात्र भाजपा नेता हैं। उन्होंने 1998 और 1999 में लगातार दो बार लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की। वे 31 जुलाई 2024 से महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
उपराष्ट्रपति का चुनाव कौन करता है?
उपराष्ट्रपति का चयन लोकसभा और राजसभा सदस्य द्वारा किया जाता है। चुनाव गुप्त मतदान के माध्यम से कराया जाता है और संसद सदस्यों को वोट डालने के लिए पार्टी व्हिप से बाध्य नहीं किया जाता।
आपको बता दें कि “व्हिप” (Whip) एक निर्देश होता है, जो किसी राजनीतिक पार्टी द्वारा अपने सांसदों या विधायकों को दिया जाता है, ताकि वे संसद (या विधानसभा) में किसी मुद्दे पर पार्टी लाइन के अनुसार वोट करें या व्यवहार करें।
उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए निर्वाचक मंडल में कुल 788 सदस्य होते हैं – 245 राज्यसभा से और 543 लोकसभा से। राज्यसभा के 12 मनोनीत सदस्य भी मतदान के हकदार होते हैं।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में निर्वाचक मंडल की संख्या 781 है, जिसमें राज्यसभा में छह और लोकसभा में एक सीट खाली है, जिससे बहुमत का आंकड़ा 391 है। एनडीए के पास 425 सांसदों का समर्थन है, जबकि विपक्षी गुट के पास 324 सांसद हैं।
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