‘जननी सुरक्षा योजना’ भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा प्रायोजित योजना है जिसका प्रारंभ 2005 में किया गया था। इसके अंतर्गत गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को सागत प्रस्तुति कराने के लिए ₹1000 की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है।
जब यह ग्रामीण महिला गर्भवती होती है तो उन्हें जननी सुरक्षा योजना के तहत ₹1400 मिलता है तथा शहरी महिलाओं को ₹1000 मिलता है जब महिला का प्रसव सरकारी अस्पताल में होता है तब उन्हें प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत बची हुई धनराशि यानी 5 हजार रुपए भी मिलते हैं।
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वाराणसी जिले के गाँव चोलापुर के ब्लाक चौबेपुर बाजार के लोगों का आरोप हैं कि यहाँ की महिलाओं को पिछले 4 महीने से कोई लाभ नहीं मिला है। जब इन महिलाओं को डिलीवरी के लिए अस्पताल ले जय जाता है तो इनके लिए एम्बुलेंस भी नहीं आती है ऊपर से जो आशा कार्यकर्ता है वह भी उनसे उनका काम करने के लिए पैसे मांगती है। इस समस्या से वहाँ के लोग काफी परेशान है, जहां इस योजना से उनको फायेदा होना चाहिए वहाँ उनका और नुकसान हो जाता है।
वहीं वहाँ की आशा कार्यकर्ता से बात की तो उन्होंने बताया कि अप्रैल से लेकर अब तक उनके अंडर लगभग 12 डिलीवरी हो चुकी हैं और उन्होंने उन सारी गर्भवती महिलाओं का आकड़ा लिख कर उच्च कार्यालय भेज भी दिया है लेकिन अब तक इन महिलाओं के खाते मे पैसे नहीं आ पाए हैं ।
चोलापुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अधीक्षक, डॉक्टर आर बी यादव का कहना है कि जननी सुरक्षा योजना के तहत जो प्रसव के बाद महिला सरकारी हॉस्पिटल में कराती हैं तो उन्हें 14 सौ रुपया मिलना चाहिए, वह पैसा 2 हफ्ते के अंदर में आ जाता है, लेकिन इस बार काफी कुछ रुकावट हुई है जिसके कारण कई लोगों का पैसा अभी नहीं गया है ।
इन्होंने कोशिश रहे है कि जल्द से जल्द लोगों के खाते में उनका पैसा पहुंच जाए। उन्होंने यह आश्वासन दिया कि ये जो आशा कार्यकर्ता इन महिलाओं से जो पैसे मांगती वह रूल के खिलाफ है, अगर वह ऐसा कर रहीं है तो इस पार भी जांच करवाया जाएगा ।
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