जिला बांदा जनपद में आज कोरोना वैक्सीन के तीसरे चरण में स्वास्थय कर्मचारियों का टीकाकरण किया गया है। इस चरण में पूरे जिले के आंकड़े के अनुसार 2016 स्वास्थ्य कर्मचारियों को बुलाया गया था। साथ ही हर सत्र स्थल में वैक्सीनेशन के लिए 66 स्वास्थ्य कर्मचारियों की ड्यूटी भी लगाई गयी थी। अधिकारी खुद पूरी प्रक्रिया पर नज़र रख रहे थे। इससे पहले जिले में स्वास्थ्य कर्मियों को कोरोना वैक्सीन का एक डोज़ 16 व 21 जनवरी को भी दिया गया था। आज बचे हुए स्वास्थ्य कर्मियों का टीकाकरण किया गया।
टीकाकरण के लिए किया गया 10 अस्पतालों को चयनित
कोरोना वैक्सीनेशन के तीसरे चरण के लिए जिले के दस अस्पतालों को चयनित किया गया था। जिसमें बांदा जिला अस्पताल, राजकीय मेडिकल कॉलेज, कमासिन प्राथमिक स्वास्थय केंद्र , तिंदवारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, नरैनी स्वास्थ्य सामुदायिक केंद्र, जसपुरा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, बबेरू समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बहेरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, बिसंडा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और बड़ोखर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र शामिल थे। अलग–अलग जगह पर लाभार्थियों की संख्या के हिसाब से 17 स्थल बनाए गए थे।
निश्चित लाभार्थियों से कम का हुआ टीकाकरण
नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 243 लाभार्थियों को बुलाया गया था। जिसमें से सिर्फ 116 लोगों को टीका लगा, वहीं 30 लोग बीमार पाए गए। जिसकी वजह से उन्हें वापस भेज दिया गया। 243 में से कुल 146 लोगों को ही आज टीका लग पाया। जो की निर्धारित लोगों से काफ़ी कम है।
इस बार लाभार्थियों की संख्या में बढ़ोतरी की गयी थी और पूरे जिले में लगभग 2000 लोगों का टीकाकरण किये जाने की उम्मीद थी। वहीं पिछली बार कोरोना वैक्सीनेशन के दूसरे चरण में लाभार्थियों की संख्या 1200 थी।
नरैनी स्वाथ्य केंद्र के डॉक्टर्स ने दिया तीसरे चरण का ब्यौरा
▪️नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की अधीक्षक देव तिवारी ने बताया कि टीकाकरण की स्थिति ठीक चल रही है। किसी प्रकार की दिक्कत नहीं है। पहले चरण में चिकित्सक, दूसरे चरण में स्वास्थ्य कर्मी और तीसरे चरण में हेल्थ वर्कर हैं। आंगनवाड़ी की आशा दीदी को आज के चरण में लगाया गया था ताकि लोग किसी भी प्रकार की झूठी अफवाहों में ना पड़े। साथ ही टीकाकरण के दौरान सभी कोरोना नियमों की पालना को सही तरह से निभाते हुए देखा गया। इस बार का लक्ष्य नरैनी में 243 रखा गया था। साथ ही टीका लगने के बाद लोगों को आधे घन्टे तक जांच के लिए निगरानी में भी रखा गया।
▪️नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर डॉ. जीवन प्रकाश और नोडल ने बताया कि जिस व्यक्ति को डायबिटीज या कोई अन्य बीमारी थी या फिर अगर कोई महिला गर्भवती थी तो उनका टीकाकरण नहीं किया गया।सरकार द्वारा इस बात को साफ किया गया था कि व्यक्ति की जांच के बाद ही उसे कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी। जांच में अगर व्यक्ति स्वस्थ पाया जाता है तभी वह कोरोना वैक्सीन का पात्र होगा।
▪️नरैनी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में टीकाकरण के लिए तीन बूथ बनाए गए थें। जिन लोगों का पहले और दूसरे चरण में वैक्सीन लगी थी उन लोगों को इस बार नहीं लगाया गया। साथ ही जो लोग रह गए हैं, उनका टीकाकरण भी उनकी जानकारी की जांच करने के बाद ही किया गया।
लोगों ने कहा : टीका लगने के बाद नहीं हुई परेशानी
▪️चंदौर गांव की रहने वाली देवमणि आंगनवाड़ी कार्यकर्ता है। आज उन्हें पहली कोरोना वैक्सीन लगी है। टीका लगने के बाद कुछ देर के लिए उनका जी मचलने लगा था। लेकिन कुछ समय के बाद वह ठीक हो गयीं।
▪️ सढ़ा गांव की सुधा गौतम जो की हेल्थ वर्कर है। उनका कहना है कि उन्होंने 22 जनवरी को टीकाकरण करवाया था। उन्हें उस समय किसी भी तरह का खतरा महसूस नहीं हुआ और ना ही उन्हें अभी तक कोई दिक्कत आई है। उनके हिसाब से वैक्सीनेशन पूरी तरह से सुरक्षित है। वह कहती हैं कि वह काफी अच्छा महसूस कर रही हैं।
▪️नरैनी के रामकिशोर वर्मा का कहना है कि उन्हें 16 जनवरी को पहले चरण में टीका लगा था। उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं हुई थी। वह कहते हैं कि आने वाले 14 फरवरी को उन्हें कोरोना का दूसरा टीका लगेगा। उन्होंने बताया कि टीका लगवाने के बाद उन्हें प्रमाण पत्र भी दिया गया।
पूरे देश मे कोरोना टीकाकरण 16 जनवरी से शुरू किया गया था। बीच मे ऐसे कई मामले सामने भी आये थे जहां लोगो को टीका लगने के बाद अजीब महसूस हुआ और उनकी तबयत खराब हो गयी। हालांकि, इस समय यह मामले कम हो गए हैं। साथ ही लोगों में कोरोना टीकाकरण को लेकर डर नहीं है जो पहले अफवाहों की वजह से देखने को मिल रहा था।