खबर लहरिया औरतें काम पर चित्रकूट की जांबाज़ पत्रकार, सहोद्रा। कोशिश से कामयाबी तक

चित्रकूट की जांबाज़ पत्रकार, सहोद्रा। कोशिश से कामयाबी तक

सहोद्रा खबर लहरिया की उन जांबाज़ पत्रकारों में से एक हैं, जिन्होंने फील्ड पर अपना हुनर बखूबी दिखाया है। कम उम्र में ही शादी हो जाने के चलते सहोद्रा को अपनी पढ़ाई पूरी करने का मौका नहीं मिला, ससुराल के कामों के बीच सहोद्रा ने आगे कुछ करने की उम्मीद भी छोड़ दी थी। लेकिन फिर सहोद्रा को खबर लहरिया के बारे में पता चला।

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पत्रकारिता की ट्रेनिंग के लिए मीलों का सफर सहोद्रा तय करतीं और और साथ में अपनी नन्हीं सी बेटी को भी ले जातीं। बच्चों की परवरिश करने के साथ-साथ सहोद्रा ने पत्रकारिता की ट्रेनिंग पूरी की और फिर खबर लहरिया में एक पत्रकार के रूप में अपनी पहचान बनाई।

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शुरुआत में उन्हें कई तरह की दिक्कतें आईं लेकिन साथ-साथ उन्होंने 12वीं तक पढ़ाई भी पूरी की। और अपनी सभी कमज़ोरियों पर जीत हासिल की।

खबर लहरिया में अपने सफर के दौरान सहोद्रा ने कई चुनौतीपूर्ण ख़बरों पर कवरेज की है। सहोद्रा द्वारा रिपोर्ट की गई बबुली कोल की स्टोरी सोशल मीडिया पर जम कर वायरल हुई, जिसमें लोगों ने इस जांबाज़ महिला पत्रकार का नया स्वरूप देखा।

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