जिला बांदा, ब्लॉक महुआ, ग्राम पंचायत महुआ, मजरा राजाराम का पुरवा में लगभग 3 पीढ़ी से कोई विकास नहीं हुआ हैं। वहाँ आज भी कच्ची सड़के और कच्चे माकन हैं। ना तो वहाँ पर ठीक से पानी की सुविधा है, ना तो वहाँ पर ढंग से बिजली रहती हैं। शौच की भी सुविधा वहाँ पर नहीं है। बच्चो के लिए स्कूल तो है, लेकिन इतनी दूर है कि उनके माता-पिता उन्हें वहाँ पर भेजते नहीं हैं। इसका कारण यह हैं कि वहाँ पर साधन की सुविधा नहीं हैं। यहां पर एक दो परिवार को छोड़कर सभी आदिवासी समुदाय के लोग रहते हैं। यहाँ पर कुल 130 वोटर और आबादी लगभग ढाई सौ हैं।
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गाँव की प्रवासी, सुमन का कहना है कि यहाँ पर कई अधिकारी आते है और दिलासा देते हैं कि वह गांव का रूप बदलेंगे और यहाँ पर विकास लायेंगे। लेकिन ऐसा कुछ होता नहीं है, बस यहाँ के लोगो को वह मुर्ख बनाकर चले जाते है। उनका कहना है कि जब तक वहाँ पर धरना प्रदर्शन नहीं होगा तब यहाँ की पंचायत कुछ नहीं करेगी।
गाँव के अन्य प्रवासियों का यह भी कहना है कि गाँव के लिए पैसे आते तो है मगर उन पैसो का क्या होता है यह पता नहीं चलता। क्यूंकि काम तो यहाँ कुछ होता ही नहीं हैं। अधिकारयों की झोली में वह पैसा जाता हैं और क्या ही होता होगा उन पैसों का।
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ग्राम प्रधान, छोटेलाल ने यह दावा किया है कि वह इस साल गांव में सड़क बनवाने की कोशिश करेंगे। जब उनसे बजट के बारे में पुछा गया तो उन्होंने बताया कि अभी तक बजट आया नहीं है। ऐसे में देखना यह है कि बजट कब तक आएगा और गांव में सड़के कब तक बनेगी।
सीनियर रिपोर्टर, श्यामकली जब वहां के जिला पंचायत राज अधिकारी, अजय आनंद सरोज से बात करने गयी तो उन्होंने बात करने से साफ़ इंकार कर दिया और कहाँ कि उन्हें यहाँ पर आये हुए बस 1 महीना ही हुआ है। वह अगले 8 दिनों में बता देंगे की गांव में विकास न होने का कारण क्या है।
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