खबर लहरिया जिला राशन कार्ड सरेंडर: अफवाह या सरकारी नियम? राजनीति रस राय

राशन कार्ड सरेंडर: अफवाह या सरकारी नियम? राजनीति रस राय

नमस्कार, मैं मीरा देवी खबर लहरिया की प्रबंध संपादक और मैं हूँ कुमकुम खबर लहरिया की सीनियर रिपोर्टर। हम दोनों की जोड़ी लेकर आई है आपका अपना शो, राजनीति रस राय। अब ये शो कुछ इसी अंदाज और अवतार के साथ आपके बीच आएगा। आप सब का बहुत-बहुत स्वागत है। चलिए राजनीति की बातें और चर्चा शुरू करें।

कुमकुम – पहले आओ पहले पाओ के अभियान के साथ राशन कार्ड वह भी राशन के लिए बांट दिए। और अब अभियान चलाकर डुग्गी पिटवाकर राशनकार्ड सरकार के सुपुर्द करने की ऐसी हवा भरी गई वसूली के नाम पर कि लोग सुबह होते ही तहसीलों में राशनकार्ड लौटाने को जमा हो जा रहे हैं। जानती हो न इसका क्या मतलब है?

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मीरा- हां बिल्कुल। अब चुनाव थोड़े है जो लोगों से उनका वोट चाहिए। जब चुनाव आएगा तब फिर कोई नई तरकीब खोजी जाएगी। फिलहाल अभी लोग राशनकार्ड जमा किए जा रहे हैं न, देख रहे न पूछ रहे कि किसको राशनकार्ड लौटाना है और किसको नहीं। इस अधूरी जानकारी के चक्कर में कहीं पात्र की श्रेणी में आने वाले लाभार्थी भी अपने हक से वंचित न हो जाएं।

कुमकुम- मेरी सरकार और प्रशासन से अपील है कि यह कदम उनका इस मायने में अच्छा है कि अपात्र लोग राशन न लें लेकिन इनके चक्कर में पात्र लोग भी इसके शिकार न हो जाएं। हमने इस रिपोर्टिंग भी की है तो सुनिए लोगों ने क्या कहा।

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मीरा- ये हैं मेरे सवाल और विचार और इस मुद्दे पर आपके क्या विचार हैं मुझे कमेंट बॉक्स में लिख भेजिए। अगर अब तक हमारा चैनल सब्सक्राइब नहीं किया या पहली बार आएं हैं तो हमारे चैनल को सब्सक्राइब जरूर कर लें। बेल आइकॉन दबाना बिलकल न भूलिएगा। हमारे फेसबुक, इंस्ट्राग्राम और ट्विटर अकाउंट में जाकर ये हमारी खास खबरें जो आपके लिए ही बनाई गई हैं तो जरूर देखें। अभी के लिए बस इतना ही। अगली बार फिर आऊंगी किसी नए मुद्दे के साथ तब तक के लिए नमस्कार!

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