महंगाई में कमलगट्टा लोगों की जीविका का ज़रिया बना हुआ है। लोगों ने तो यहां तक भी कह दिया कि कमलगट्टे की सब्ज़ी तो कम तेल में बन जाती है। ज़्यादा सामान भी नहीं लगता और भूख भी मिट जाती है। अब आखिर इतनी महंगाई में इससे अच्छा और क्या होगा? यह हम नहीं कह रहें, ऐसा चित्रकूट जिले के रामनगर ब्लॉक के लोगों का कहना है।
खबर लहरिया ने अपनी रिपोर्टिंग में पाया कि जिले के रामनगर ब्लॉक के लोगों का काफ़ी बुरा हाल है। तेल, सब्ज़ी, दाल, इन सब का दाम इतना ज़्यादा है कि इन लोगों को पुरान के पत्ते (कमल का पत्ता) पर अपना गुज़ारा करना पड़ रहा हैं। बता दें, कमल के पत्ते को लोकल भाषा में ‘पुरान का पत्ता’ कहते हैं।
जिले में कई तालाब हैं जिनमें कमल खिले रहते हैं तो किसानों व लोगों को इसकी खेती के लिए ज़्यादा मेहनत भी नहीं करनी पड़ती। लेकिन यहां समस्या यह है कि लोगों को इससे कुछ ख़ास फायदा नहीं हो पाता।
कमलगट्टा यहां के लोगों का आम भोजन है, जो हमेशा उनके दैनिक भोजन में मौजूद रहता है। लोगों की मानें तो कमल ककड़ी की सब्ज़ी बनाने में न तो ज़्यादा तेल लगता है और न ही मसाला इसलिए इसे बनाने में ज़्यादा दिक्कत भी नहीं होती है।
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कमल का हर भाग है फायदेमंद
कमलगट्टे से काफ़ी चीज़े बनाई जाती है और ये सेहत के लिए भी काफ़ी लाभदायक भी होते हैं। कमल गट्टे के पत्ते की सब्ज़ी भी बनती है। यहां तक की कमल की जड़ जिसे कमल ककड़ी भी कहते हैं उसकी भी सब्ज़ी बनाई जाती है।
कमलगट्टे के बीज के लाभ
– कमलगट्टे के बीज में फॉस्फोरस, पोटैशियम, कैल्शियम और प्रोटीन आदि पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं।
– इसे खाने से दिमाग़ का विकास होता है।
– मधुमेह (Diabities) के लिए भी काफ़ी असरदार है।
– यह किडनी से सम्बंधित बिमारियों को दूर करने में मदद करता है।
– गर्भावस्था में हो रही परेशानियों को दूर करता है और पाचन में मदद करता है।
– इसे खाने से भूख भी बढ़ती है।
– कमलगट्टे की सब्ज़ी और मखाने से काई सारी चीज़े बनती हैं।
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कमल के बीज के मखाने व व्यंजन
कमल के बीज से मखाने भी निकलते हैं जिसका इस्तेमाल काफ़ी व्यंजनों में किया जाता है। जैसे खीर,सब्ज़ी, हलवा इत्यादि। इसके साथ ही मखाने से आप कई रोमांचक चीज़ें भी बना सकते हैं। जैसे भुना हुआ मखाना, मखाने की नमकीन, कैरमलाइज़ मखाना इत्यादि। ये खाने में स्वादिष्ठ होने के साथ-साथ पौष्टिक भी होते हैं।
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