बुंदेलखंड में आपको बरसात के समय हर घर में चौराई दिखाई देगी। लोग चौराई की भाजी चार महीने तक खाते हैं और इसका स्वाद तो अहा! बहुत ज़ायकेदार और स्वादिष्ट होता है।
चौराई, देशी भाजी होती है जो बरसात के समय बिना पैसे खर्च किये भी आसानी से मिल जाती है। इसे बनाने का तरीका भी काफी अलग है। पहले लोग खेत से चौराई तोड़कर लाते हैं और फिर उसे काटकर उसमें लौंग, मिर्च, अदरक आदि चीज़ों का तड़का लगाते हैं और फिर खूब स्वाद लेकर खाते हैं। यह एक हरी सब्जी है जो की शरीर के लिए लाभदायक होती है इस लिए हर कोई इसे खाना भी पसंद करते है।
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चौराई को घमोरियां, चकोरा, कनकव्वा आदि नामों से भी जाना जाता है। यह बरसात के समय अपने आप ही उग जाती है और आसानी से मिल भी जाती है।
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