खबर लहरिया जवानी दीवानी बुंदेली शादियों की एक और अनोखी रसम: सुवासा

बुंदेली शादियों की एक और अनोखी रसम: सुवासा

हमने पिछले कुछ दिनों में आपको बुंदेली शादी की हर रस्म हर फंक्शन दिखाए, वैसे तो हमें पता है कि आप मन ही मन सोच रहे होंगे कि काश हम रोज़ रोज़ खबर लहरिया के चैनल पर एक शादी की विडियो ज़रूर देखें। लेकिन शादी के फंक्शन भी कभी न कभी तो ख़तम होंगे ही न। इसलिए आज हम आपके लिए लेकर आये हैं बुंदेली शादी की आखरी और सबसे मज़ेदार रसम, सुवासा की रसम। इस रसम में शादी के बाद दूल्हे के फूफा को दुल्हन के मायके वाले सजाते हैं।


बुंदेलखंड में ज़्यादातर शादियों में बिना सुवासा के बिदाई नहीं होने दी जाती है। विदाई के एक घंटे पहले दूल्हे का कलेवा किया जाता है और दूल्हे के फूफा को सुवासा बनने के लिए बुलाया जाता है। दुल्हन की बुआ दूल्हे के फूफा के चेहरे पर अलग-अलग प्रकार के चित्र बनाती हैं, मांग में सिंदूर लगाती हैं, बिंदी, काजल और लिपस्टिक लगाकर उन्हें साज-सज्जा के साथ तैयार करती हैं। और कहानी यहीं ख़तम नहीं होती सुवासा को माला भी पहनाई जाती है। और यह कोई मामूली फूलों की माला नहीं होती, बल्कि गोबर, फटे-पुराने कपड़ों, टूटी-फूटी चीज़ों से बनी हुई माला होती है। और इस पूरी परंपरा में सबसे मज़ेदार मोड़ तब आता है जब पहले फूफा जी की विदाई होती है और उसके बाद दुल्हन को विदा किया जाता है। है न कितनी मनोरंजक रसम।और इसी के साथ हमारी ये स्पेशल सीरीज़ भी अपने आखरी मोड़ पर आ गयी है। लेकिन हम ऐसी ही और ख़बरों के साथ आपका मनोरंजन करते रहेंगे, इसलिए अगर आपने अभी तक खबर लहरिया के चैनल को सब्सक्राइब नहीं किया है तो तुरंत करिये और हमारा समर्थन करिये।

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