खबर लहरिया चित्रकूट वो धुन जो बिना बाजे के निकलती थी, अब बैंजो ने ली उसकी जगह

वो धुन जो बिना बाजे के निकलती थी, अब बैंजो ने ली उसकी जगह

नृत्य यानी डांस व उसके साथ गीतों का स्वरूप समय के साथ अलग-अलग रहा है। स्थानीय संगीत व डांस लोगों की परंपराओं का हिस्सा बन गए। आज डीजे पर बज रहे गानों में पॉप, हिप हॉप, बॉलीवुड या अन्य प्रमुख संगीत का इस्तेमाल किया जाता है जो आधुनिक रागों और संगीत रूपों पर आधारित हैं।

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जिला चित्रकूट के ब्लॉक के गांव बारिया की खासियत के बारे में बताते हुए लोग कहते हैं, पहले महिलाएं और लड़कियां गाने गाकर नाचतीं थीं और कमर मटकाती थीं। वे नाचने के लिए बीन बाजा और नगरिया का सहारा लेतीं थीं। आज भी इस क्षेत्र की महिलाएं इस खासियत को अभी भी बनाए रखती हैं। हालांकि, अब ज़्यादातर लोग नए मॉडल के नाचों का आनंद लेते हैं, जहां लोग डीजे पर मिलकर नाचते हैं।

गांव में एक महिला थी जिनका नृत्य सभी को क़ाफी पसंद था और लोग उन्हें देख उनकी कला की सराहना करते थे। यह नाच अमूमन लड़की के शादी, घर में बच्चा पैदा होने की खुशी में किये जाते हैं।

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