टीकमगढ़ जिले के गांव बिलगांय में बांस से बनने वाला सूपा काफी मशहूर है। यहां रहने वाले बशंकर समाज के लोग बांस का सूपा बनाने का ही काम करते हैं। गाँव के तकरीबन 10-15 परिवार यह काम करते हैं। वैसे तो यहां के लोग दौरी, बिजना भी बनाते हैं लेकिन सबसे ज़्यादा यहां पर सूपा बनाया जाता है।
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एक दिन में लोग तीन से चार सूपा बनाते हैं। एक सूपा सौ रूपये का बिकता है। हमने जब सूपा बनाने लोगों से बात की तो उनका कहना था कि एक बांस 50 से 60 रूपये का मिलता है। वैसे बांस के बर्तन और सूपा तो कई जगह बनते हैं पर उनके यहां सूपा बहुत ही सफाई से मनाया जाता है इसलिए लोग उनके यहां से ही सूपा ले जाते हैं। यहां बनने वाले सूपा टिकाऊ होते हैं और लंबे समय तक चलते हैं।
वह आगे बताते हुए कहते हैं कि उनके यहां के बनाये हुए सूपे की सप्लाई कई जिलों और गाँवों में होती है। जैसे- झांसी, टीकमगढ़, कानपूर, पृथ्वीपुर और आस-पास के गाँव। वह लोग अपने घरों से सूपा की सप्लाई करते हैं।
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