सागर जिले की रहने वाली 8 साल की प्रियांशी सजावट का सामान बनाती है। प्रियांशी चौथी कक्षा में पढ़ती है। उसे यह काम करते हुए ज़्यादा समय नहीं हुआ। वह कहती है कि उसे ड्राइंग का शौक है। पिछले दो सालों से कोरोना महामारी की वजह से वह घर में ही थी। इस लिए उसने यूट्यूब से देखकर तीन तरह के फूल बनाना सीखा। फूल बनाकर अपने घर को भी सजाया और दूसरों को भी बनाकर दिया।
पिता सुनील शाक्य और माँ शीला शाक्य, यह सागर जिले के तहसील रहली ग्राम पंचायत रज्वास के निवासी हैं। प्रियांशी इस समय अपने मामा के साथ रह रही है। प्रियांशी कहती है कि वह कागज़ के फूल बनाती है जो बहुत ही सुंदर लगते हैं।
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महामारी में हमने प्रियांशी जैसे कई लोग देखें जिन्होंने लॉकडाउन में चीज़ों को अलग नज़रिये से देखा और उन पर काम किया। देखा जाए तो प्रियांशी जैसे कई और लोग अन्य लोगों को चीज़ों और मुश्किल समय को सकारात्मक नज़रिये से देखने का हौसला देते हैं।
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